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GWALIOR News. एक नाबालिग बच्ची के घर से गायब होने के मामले में एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए एसएसपी ग्वालियर को निर्देश दिए कि वह झासी रोड थाने के टीआई और जांच से जुड़े एएसआई के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी (F.I.R.) दर्ज करें और दस दिन के भीतर अदालत के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कोर्ट के कड़े रुख को देखकर एसएसपी की ओर से बताया गया कि वे स्वय ही इस मामले की निगरानी करेंगे।
ये है पूरा मामला
मामला ग्वालियर के झांसी रोड थाना इलाके का है। इस इलाके के पारदी मुहल्ले से एक नाबालिक बच्ची गायब हो गई थी । ये घटना 25 अप्रेल की है। इसके बाद परिजन थाने पहुंचे और आरोप लगाया कि उसकी बेटी को सोनू पारदी और एक अन्य युवक बहला-फुसलाकर ले गये। इस बीच 30 अप्रैल को उसे बरामद कर लिया गया।
ये बोली लड़की
पुलिस के अनुसार बरामद हुई लड़की ने बताया कि वह दो दिन तक कोटरा ग्राम के पास स्थित मंदिर में रही उसके बाद बिलौआ पहुंची। यहां उसके मामा आये और उसे लेकर नाका चंद्रवदनी स्थित घर पहुँचे फिर उसे पुलिस के पास लेकर पहुंचे।
कोर्ट में लगाई याचिका
बच्ची के पिता ने इस मामले में पुलिस के रवैये के खिलाफ हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की इसमें पुलिस पर जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। याचिकाकर्ता कमला बाई ने लिखा कि 15 जून को वह थाना झाँसीरोड गई थी। उसने आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की तो पुलिस अधिकारी उस पर बिफर पड़े। वहां उपस्थित टीआई ने उसके पति को मारने के लिए लाठी हाथ मे ले ली और एएसआई त्रिपाठी ने जूता उतार लिया था। वे नाबालिग के कथन पर ही भरोसा किये रहे और जांच ही नही की।
कोर्ट ने ये कहा
हाईकोर्ट ने कहाकि पुलिस ने नाबालिग के कथन पर ही भरोसा कर लिया और मामला गंभीर होते हुए भी ये जांच करना भी उचित नही समझा कि वह सच कह रही है या गलत । कोर्ट ने इस तथ्य को भी गंभीरता से लिया कि पुलिस ने याचिका कर्ता के साथ अभद्रता की। इसलिए इनके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर दस दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।