गोमांस विवाद, क्या मध्यप्रदेश हिन्दू कट्टरवाद का नया ठिकाना बन रहा, रणबीर-आलिया का विरोध कोई छिपा एजेंडा तो नहीं  

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The Sootr CG
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गोमांस विवाद, क्या मध्यप्रदेश हिन्दू कट्टरवाद का नया ठिकाना बन रहा, रणबीर-आलिया का विरोध कोई छिपा एजेंडा तो नहीं  

Bhopal, जयराम शुक्ल. आज लाख टके का सवाल यह कि मध्यप्रदेश हिन्दू कट्टरवाद( Hindu fundamentalism) का नया ठिकाना बनने जा रहा है ? उज्जैन महाकाल मंदिर में रणबीर-आलिया को गोमांस भक्षी बताकर प्रवेश करने से रोकने की घटना यही बयां करती है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के हंगामे को धर्म के नाम पर सामाजिक अराजकता का नग्न प्रकटीकरण कहें या कोई प्रायोजित एजेंडा लेकिन इससे कथित 'शांति के टापू' मध्यप्रदेश की छवि को उधेड़ती हुई दिखती है। प्रदर्शनकारी धर्म ध्वजावाहकों को यह भी मालूम होना चाहिए कि भगवान शिव को अघोरपंथ अपना प्रणेता मानता है  जिसे मानवमांस खाने तक से परहेज नहीं। शक्तिस्वरूपा मां कामाख्या मंदिर में आज भी गोवंश(भैंस-मेढ़ा) के बलि की परंपरा है। भगवान शिव के सेनापति काल भैरव को भोग में मांस और मदिरा ही चढ़ता आया है।



रणबीर के आने से पहले ही पहुंच गई उनके गोमांस खाने की खबर



रणबीर कपूर पत्नी आलिया और निर्देशक अयान मुखर्जी के साथ अपकमिंग फिल्म ब्रह्मास्त्र की सफलता के लिए आशीर्वाद लेने उज्जैन महाकाल की शरण में पहुंचे थे। उनके आने की खबर के साथ ही गोमांस वाली खबर पहुंच गई। दरअसल यह खबर कोई आज या कल की नहीं अपितु 11 वर्ष पुरानी है। जिसमें वे कहते दिख रहे हैं कि उन्हें गोमांस खाना पसंद है। सोशल मीडिया में यह क्लिप उसी दिन से ट्रेन्ड करनी शुरू हुई जिस दिन फिल्म ब्रह्मास्त्र की रिलीज़ तारीख घोषित हुई। वीडियो क्लिप वास्तविक है या फैब्रिकेटेड कोई सुनिश्चित नहीं कह सकता। 



महाकाल के बाहर हिंदू संगठनों ने किया था हंगामा



 रणबीर कपूर और आलिया भट्‌ट के विरोध में मंगलवार को उनके आने से पहले ही बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने महाकाल मंदिर के मुख्य और VVIP शंख द्वार पर जोरदार हंगामा कर दिया। काफी देर तक हिंदू संगठनों ने नारेबाजी की। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज कर दिया।  बाद में विरोध बढ़ता देख है स्टार कपल बिना दर्शन किए मुंबई लौट गया। हिंदू संगठनों का आरोप था कि रणबीर गौ मांस खाते हैं ऐसे में उन्हें कैसे प्रवेश दिया जा सकता है।




— TheSootr (@TheSootr) September 6, 2022




11 साल का पहले का वीडियो अचानक आया सामने



दरअसल सोशल मीडिया पर 11 साल पुराना एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें रणबीर कपूर कह रहे हैं कि उन्हें बीफ (गोमांस) खाना बहुत पसंद है! यानी ये बात सच है कि रणबीर गोमांस खाते हैं और ये बात उन्होंने खुद स्वीकारी है। हालांकि ये भी दावा किया जा रहा है कि इस वीडियो को एडिट किया गया है। इसी को आधार बनाकर हिंदू संगठनों ने उज्जैन में उनका भारी विरोध किया था जिसके चलके वे महाकाल के दर्शन नहीं कर सके केवल फिल्म के निर्माता अयान मुखर्जी ही गर्भग्रह में दर्शन कर सके। हालांकि उनका भी विरोध किया गया था।




— #BoycottBrahmastra (@KreatelyMedia) August 28, 2022



'ब्रह्मास्त्र' के लिए बनेगा गले की फांस?



रणबीर कपूर इस समय ट्रोलर्स के निशाने पर हैं। उनकी अपकमिंग मूवी 'ब्रह्मास्त्र' को लंबे समय से सोशल मीडिया पर बायकॉट किया जा रहा है। इस बीच गोमांस वाला मुद्दा गरमाया तो ये उनकी फिल्म के लिए गले की फांस बन सकता है। बॉलीवुड इस समय बायकॉट ट्रेंड की चपेट में है। बच्चन पांडे, सम्राट पृथ्वीराज, रक्षा बंधन, लाल सिंह चड्ढा, शमशेरा जैसी बिग बजट फिल्में बायकॉट की चपेट में आकर धराशायी हो चुकी हैं। यह फिल्म 9 सितंबर को रिलीज हो रही है।



 ऋषि कपूर ने गोमांस पर प्रतिबंध का किया था विरोध



यद्यपि यह सही है कि रणबीर उस खुले परिवार के वंशधर हैं जो सामाजिक परंपराओं को तोड़ने के लिए जाना जाता है। उनके दादा राजकपूर की प्रयः हर फिल्में सामाजिक रूढ़िता और परंपराओं के खिलाफ रही हैं। इधर जब महाराष्ट्र सरकार ने गोमांस और गोवध पर पाबंदी लगाई तब उसकी प्रतिक्रिया में रणबीर के पिता जाने माने अभिनेता ऋषि कपूर ने गुस्से में ट्वीट किया था- कोई क्या खाता है इससे उसके धर्म को क्यों जोड़ा जा रहा है। मैं हिन्दू हूं और बीफ खाता हूं। क्या ऐसा करने से मैं कम धार्मिक हो जाता हूं"। ऋषि कपूर का यह ट्वीट बेहद विवाद में रहा। तमाम आलोचना व निंदा के बाद भी उन्होंने अपना कथन वापस नहीं लिया।



आसिया



रणबीर के विरोध के पीछे कहीं छुपा एजेंडा तो नहीं--?



 इन दिनों बालीवुड बायकॉट को लेकर चर्चाओं में है। धुरंधरों की फिल्में एक के बाद एक धराशाही हो रही हैं। रणबीर-आलिया स्टारर फिल्म ब्रह्मास्त्र करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की है। करण जौहर, शाहरुख खान, आमिर खान, महेश भट्ट कट्टरवादी ट्रोलर आर्मी के निशाने पर चल रहे हैं। आलिया भट्ट महेश भट्ट की बेटी व फिलहाल नंबर एक अभिनेत्री है। इतिहास की घटनाएं बताती हैं कि बालीवुड की अदावत ऐसी ही अराजक ताकतों को अपने प्रतिद्वंद्वियों को निपटाने के लिए औजार की भांति इस्तेमाल करती रही हैं। 

संजय लीला भंसाली जैसे निर्माता निर्देशक अपनी  फिल्मों को चर्चाओं में लाने के लिए इस तरह के हथकंडे इस्तेमाल करते रहे हैं चाहे वह..पद्मावती रही हो या जोधा अकबर। रणबीर-आलिया को लेकिर विरोध प्रदर्शन फिल्म को चर्चाओं में लाने की पीआर स्ट्रैटजी भी हो सकती है इससे भी इंकार नहीं किया जा साकता। कुछ भी हो 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद गोहत्या और गोमांस चर्चाओं में तो है ही, तो चलिए जानते हैं वह सब कुछ जिसे लेकर आपको जिज्ञासा है।



गोवंश, गोमांस और बीफ 



ये तीन शब्द पिछले आठ वर्षों से टॉप पर ट्रेन्ड कर रहे हैं। 2015 में दादरी के अखलाक की लिंचिग के साथ जो भयावह सिलसिला शुरू हुआ वो अभी तक जारी है। आमतौर मुसलमान ही इसके टारगेट होते आए हैं लेकिन मध्यप्रदेश के मंदसौर में जैन समुदाय का एक युवा इसलिए शिकार हो गया क्योंकि हुड़दंगियों को उसका हुलिया मुसलमानों जैसा लगा। 



बीफ के निर्यात में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर



बहरहाल गोवंश, गोमांस और बीफ के बारे में वह जानने की जरूरत है जो प्रायः सामान्य जन नहीं जानते। गोवंश में सिर्फ गाय बैल भर ही नहीं अपितु भैंस भी आती हैं। वन का सबसे शक्तिशाली जानवरों में से एक समझा जाने वाला बाइसन( गौर) भी गोवंश की श्रेणी में आता है। इन तीनों के ही मांस को बीफ कहा जाता है। यानी कि भैंस का मांस भी बीफ है। भारत में गाय की हत्या और उसके व्यापार पर रोक लगी है न कि भैंस के मांस की। यदि ऐसा नहीं है तो बीफ के निर्यात में भारत विश्व में ब्राजील के बाद में दूसरे क्रम पर है। यह बात सही है कि अवैधानिक तरीकों से आज भी बड़ी संख्या में गाय और बैल स्लाटर हाउस पहुंचकर मांस के लोथड़े में बदल दिए जाते है। खास बात यह कि बीफ के निर्यात में मुसलमान व्यवसाई से ज्यादा हिन्दू वर्ग से हैं जिनके हाथों में निर्यात की कमान है।



बीफ खाने वालों में कांग्रेसी हैं तो भाजपाई भी पीछे नहीं!



नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद 2015 में संसद में गोहत्या पर रोक को लेकर बहस छिड़ी। केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जब यह कहा कि गोमांस खाने वाले की जगह भारत में नहीं वो पाकिस्तान जाएं तो यह सुनकर मोदी सरकार के ही एक दूसरे युवा मंत्री किरण रिजिजू भड़क उठे। उन्होंने जवाब में कहा हां मैं बीफ खाता हूं, अरुणाचल प्रदेश से हूं और वहां भोजन का यह प्रमुख हिस्सा है। किसी के खानपान को निर्धारित नहीं किया जा सकता। 



नार्थ-ईस्ट में है मुख्य भोजन



बीजेपी के सुप्रीमो नरेन्द्र मोदी हों या कि अमित शाह दो में से कोई भी आज की तारीख में नार्थ-ईस्ट में जाकर  बीफ पर प्रतिबंध की बात नहीं कर सकते। कांग्रेस के विचारक नेता जयराम रमेश अयंगार ब्राह्मण हैं लेकिन डंके की चोट पर कहते हैं कि वे और उनका परिवार बीफ खाना पसंद करता है। पार्लियामेंट में बीफ पर प्रतिबंध की चर्चाओं के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रहे मार्कडेय काटजू ने प्रेस वक्तव्य जारी करके के कहा था कि वे बीफ खाते हैं, पसंद का भोजन उनका अधिकार है और उसे कोई नहीं छीन सकता।



भारत में बीफ का व्यापार तेजी से बढ़ रहा 



तमाम राजनीति, गोमांस को लेकर सड़क पर लिंचिग के बावजूद भारत में बीफ का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। वर्ल्ड ट्रेड अर्गनाइजेशन की फरवरी 2016 की रिपोर्ट के अनुसार  वर्ष 2006 में विश्व में बीफ के निर्यात में भारत की भागीदारी जहां 2 प्रतिशत थी वहीं 2016 में बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई। 2016-17 में बीफ का निर्यात 1330013 मीट्रिक टन था 2018 में इसमें 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।  यानी कि 2015 में गोमांस को लेकर दादरी के अखलाक की माब लिंचिग के बाद भी बीफ के कारोबार में बढ़ोत्तरी ही दर्ज हुई। जबकि देश के बारह राज्यों में गोवंश की हत्या व उनके मांस के व्यापार में कानूनन प्रतिबंध लगा हुआ है।

 


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