Ujjain. उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में छात्रों को हिंदू धर्म को पाठ्यक्रम के रुप में पढ़ाया जाएगा। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी है। यूनिवर्सिटी ने इसी साल से मास्टर ऑफ आर्टस में हिंदू स्टडीज कोर्ट शुरु किया है। इस तरह का कोर्स शुरु करने वाला विक्रम विश्वविद्यालय देश का दूसरा और प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है। इश विषय में छात्र हिंदू मान्यताएं, वैदिक ज्ञान, संस्कार, नैतिक मूल्य, वेद, उपनिषद्, पुराण सहित अन्य भारतीय परंपराओं का अध्ययन करेंगे। विश्वविद्यालय ने 25 सीटों के साथ एमए हिंदू स्टडीज की शुरुआत की है। इससे पहले पिछले वर्ष बीएचयू में देश का पहला हिंदू धर्म का कोर्स शुरू हुआ था। विश्वविद्यालय में बनाए गए भारत अध्ययन केंद्र में इस कोर्स की शुरुआत की गई है।
हिंदू धर्म के बारे में दी जाएगी जानकारी
एमए हिंदू स्टडीज का सिलेबस इस तरह तैयार किया गया है, जिसमें विद्यार्थियों को हिंदू धर्म की आत्मा, मान्यताओं और रूपरेखा सहित अन्य पारंपरिक ज्ञान का भी अध्ययन करवाया जाएगा। प्रो. शर्मा ने बताया कि भारतीय वैदिक परंपरा, वेद, उपनिषद्, पुराण, इतिहास, भारतीय मान्यताएं, प्राचीन विदेश नीति, योग चिंतन, प्राचीन व्यापारिक गतिविधियां, प्राचीन आर्थिक गतिविधियां, वास्तु कला, प्राचीन युद्ध उपकरण और नीति, प्राचीन वैज्ञानिक परंपरा, धातु विज्ञान, पौराणिक परंपराएं, संस्कार, प्राचीन रसायन, भौगोलिक, खगोलीय विज्ञान, कला, शास्त्रीय संगीत सहित हिंदू धर्म से जुड़े अन्य विषयों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस अध्यन से युवा पीढ़ी में हिंदू सभ्यता, समाज, संस्कृति के आधारभूत सिद्धांतों की समझ विकसित होगी।
कोई ले सकता है दाखिला
बताते चले कि, कोई भी इस कोर्स में दाखिल हो सकता है। इसके लिए ये जरूरी नहीं होगा कि उसको आर्ट्स का छात्र होना चाहिए। आईटी तकनीक से लेकर साइंस डिग्री लेने वाले भी इस पढ़ सकते हैं। ये दो साल का एमए होगा. 04 सिमेस्टर्स में 16 पेपर्स की पढ़ाई होगी।
यह होगी पढ़ाई
इसमें तत्व ज्ञान, धर्म, रामायण और महाभारत की प्रमन विधियां और अभ्यास, पुराण, प्राचीन भारत में संवाद परंपरा, संस्कृत और पश्चिमी देशों की हिंदू धर्म के प्रति उत्सुकता के नजरिए से भी इसे पढाया जाएगा। इस कोर्स में हिंदू फिलास्फी, तत्व मीमांस का गहन विश्लेषण, धर्म कर्म मीमांस और प्रमन मीमांसा जैसी बातें शामिल रहेंगी। संस्कृत भी इसमें शामिल रहेगी। इसमें प्राचीन भारत में सेना,सैन्यकला, सेना में महिलाएं, विज्ञान और रणनीति जैसे विषय भी रहेंगे।