Bhopal. मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप केस की सीडी भोपाल कोर्ट में नहीं चली। हनीट्रैप मामले की सुनवाई के दौरान सीडी को लैपटॉप रीड नहीं कर पाया। सरकारी वकील का कहना था कि सीडी पर स्क्रैच आ गए हैं इसलिए लैपटॉप में नहीं चली। सीडी में कई नेताओं और नौकरशाहों के सबूत हैं। सरकारी वकील ने कोर्ट से अपील की कि मामले की सॉफ्ट कॉपी राज्य साइबर सेल में है। उसे पेन ड्राइव में कॉपी करके कोर्ठ में लाने की अनुमति दी जाए। इसके बाद कोर्ट ने पेन ड्राइव में सबूत लाने की अनुमति दे दी है।
आखिर प्लास्टिक कवर में बंद सीडी में कैसे आए स्क्रैच
हनीट्रैप मामले की सीडी प्लास्टिक कवर में पैक करके लिफाफे में सुरक्षित रखी गई थी। सवाल ये उठता है कि सीडी में स्क्रैच कैसे आ गए। एक्सपर्ट का कहना है कि सीडी पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक से बनती है। सीडी में दो वजह से ही स्क्रैच आते हैं। सीडी प्लेयर के पॉकेट में धूल होना जिसकी वजह से सीडी में स्क्रैच आते हैं। कई बार काफी वक्त तक कवर में सीडी रखने से पॉलीकार्बोनेट कवर में चिपक जाता है। इससे भी सीडी चलने में परेशानी होती है।
काला चश्मा लगाकर लग्जरी कार से कोर्ट पहुंचीं श्वेता विजय जैन
हनीट्रैप मामले में आरोपी श्वेता विजय जैन काला चश्मा लगाकर लग्जरी कार से भोपाल कोर्ट पहुंचीं। श्वेता के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। श्वेता इसी महीने जेल से रिहा हुई हैं। कोर्ट में श्वेता की मुलाकात आरती दयाल से भी हुई। उन दोनों की काफी देर तक बातचीत हुई। दोनों ने केस को लेकर वकीलों को अपने-अपने पक्ष बताए।