अविनाश तिवारी, REWA. हाथ नहीं होने पर पैरों से कॉपी लिखते हुए कक्षा 12वीं में 82 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले दिव्यांग कृष्ण कुमार को अब तक प्रशासनिक मदद नहीं मिल पाई है। वे दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। आज एक बार फिर अपनी समस्या का समाधान कराने कृष्ण कुमार केवट कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, जहां पर कलेक्टर ने जल्द उनकी समस्याओं का निदान कराने भरोसा जताया है। कृष्ण कुमार के परीक्षा परिणाम को देखकर सीएम शिवराज ने भी उनके लिए मुफ्त पढ़ाई और कृत्रिम अंग लगाए जाने का वादा किया था लेकिन सीएम का वादा 2 साल बीत जाने के बाद भी अधूरा है।
पैरों से कॉपी लिखकर 12वीं में बनाए 82 प्रतिशत
मऊगंज तहसील क्षेत्र के हरजई मुड़हान गांव के रहने वाले कृष्ण कुमार केवट ने हाथ नहीं होने के बावजूद पैरों से कॉपी लिखकर साल 2020 में कक्षा 12वीं की परीक्षा 82 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। इसके बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृष्ण कुमार को कृत्रिम अंग दिलाए जाने के साथ ही पढ़ाई का खर्च उठाने का भरोसा दिलाया था लेकिन आज दो साल बीत जाने के बावजूद अब तक उसे किसी भी प्रकार की प्रशासनिक मदद नहीं मिल सकी।
कलेक्टर ने दिया मदद का आश्वासन
कृष्ण कुमार का कहना है कि पढ़ाई करने के लिए उन्हें अपने गांव से मऊगंज तक 8 किलोमीटर का रास्ता पैदल ही तय करना पड़ता था। उन्होंने पढ़ाई में अपनी रुचि दिखाते हुए कलेक्टर बनने तक का सपना संजोया था। हौसलों की उड़ान भरकर उन्होंने कक्षा 12वीं में 82 प्रतिशत अंक हासिल किए। उनके सपने को पूरा करने के लिए सीएम शिवराज ने भी उनकी पढ़ाई में मदद के लिए आश्वासन दिया था लेकिन सीएम के आश्वासन के बाद भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। अपनी समस्या लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे कृष्ण कुमार केवट से कलेक्टर मनोज पुष्प ने मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया।