जबलपुर में आयुष्मान योजना के घोटाले का गढ़ होटल वेगा किया गया सील, प्रशासन ने भी माना  होटल में भर्ती थे फर्जी मरीज

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर में आयुष्मान योजना के घोटाले का गढ़ होटल वेगा किया गया सील, प्रशासन ने भी माना  होटल में भर्ती थे फर्जी मरीज

Jabalpur. जबलपुर में आयुष्मान कार्डधारियों को पैसों का लालच देकर उन्हें नकली मरीज बनाकर भर्ती किए जाने के मामले में आज प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए होटल वेगा को सील कर दिया है। मामले की गहराई से जांच किए जाने की बात प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जा रही है। जिसके बाद अस्पताल और उसके संचालक समेत घोटाले में शामिल लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल होटल पर छापेमार कार्रवाई के बाद होटल में चल रहे अस्पताल से आयुष्मान कार्डधारी फर्जी मरीज अस्पताल से गायब हो चुके थे।



अस्पताल संचालक दे रहे सफाई 



प्रशासन ने रविवार को जहां पूरे होटल को सील कर दिया वहीं  सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के संचालक व वेगा होटल के डायरेक्टर डॉ अश्वनी पाठक अब भी खुद को पाकसाफ बता रहे हैं। उनका कहना है कि हर एक आयुष्मान कार्डधारी मरीज को तमाम नियमों का पालन कर भर्ती कराया गया। वहीं डॉ पाठक का कहना है कि जिस होटल को लोग होटल समझ रहे हैं वो 3 साल पहले ही बंद हो चुका था और उन्होंने विधिवत स्वीकृति लेकर होटल में अस्पताल शुरू किया था।



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प्रशासन का दावा नहीं ली कोई परमीशन



उधर अपर कलेक्टर नमःशिवाय अरजरिया ने बताया कि अस्पताल संचालक द्वारा जांच के दौरान ऐसी कोई परमीशन का दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया है। इसलिए होटल में चल रहा अस्पताल पूर्ण रूप से अवैध था साथ ही उसमें भर्ती आयुष्मान कार्डधारी मरीज भी फर्जी थे। जिनके इलाज के नाम पर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया था। 



अब तक करोड़ों रुपयों का करा लिया भुगतान



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जानकारी के मुताबिक होटल वेगा में चंद रुपयों की लालच देकर इस तरह फर्जी मरीजों को करीब डेढ़ साल से भर्ती कराया जा रहा था। वहीं आयुष्मान योजना प्रभारी रामभुवन सोनी ने बताया है कि सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल को आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 5-6 करोड़ रुपयों का भुगतान हो चुका है। ऐसे में अस्पताल द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का आंकलन किया जाए तो पूरा घोटाला करोड़ों रुपयों का निकलकर सामने आ सकता है। हालांकि इस पूरे फर्जीवाड़े की अभी तक जांच जारी है।अभी यह जांच की जा रही है कि कितने का इसमें फर्जीवाड़ा है।यह भी देखना होगा कि इनको कितना भुगतान किया गया। अभी तक की जांच में यह पता चल है कि आयुष्मान कार्ड से भर्ती मरीज गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं थे,कुछ तो बहुत ही सामान्य बीमारी से पीड़ित थे।




 

पर्याप्त पुलिस बल रहा मौजूद



कार्रवाई के दौरान मौके पर काफी तादाद में पुलिस बल भी मौजूद रहा। सीएसपी प्रभात शुक्ला ने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत फर्जीवाड़े की खबर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा को मिली थी जिसके बाद यहां छापेमारी की गई थी। मामले की पड़ताल के बाद प्रशासन और राजस्व विभाग होटल को सील करने की कार्रवाई कर रहा है।


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