Jabalpur. टीवी पर आने वाले आईपीएल की टीम सिलेक्ट करने के विज्ञापनों के बाद लाखों की तादाद में युवा ऑनलाइन गेमिंग के शिकार होते जा रहे हैं। वहीं इन स्कीमों को स्टार खिलाड़ी लंबे चैड़े ख्वाब दिखाकर प्रमोट कर रहे हैं। इस गंभीर मसले पर MP हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य के विधि विभागों को ऑनलाइन गेमिंग की वैधानिकता परखने के निर्देश दिए हैं। ताकि समाज के युवाओं को इसकी लत से बचाया जा सके। ऐसी स्कीमों पर नियंत्रण की दरकार को जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने संज्ञान लिया है। इस संदर्भ में कोर्ट ने सरकारों को 30 दिन के भीतर हलफनामे के साथ जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए हैं।
सिंगरौली के युवक की जमानत याचिका के दौरान लिया संज्ञान
दरअसल सिंगरौली निवासी सनत कुमार जायसवाल की जमानत अर्जी पर चल रही सुनवाई के दौरान यह मामला कोर्ट के संज्ञान में आया। सनत ने अपने नाना के बैंक खाते से अवैध रूप से साढ़े 8 लाख रुपए निकाल लिए थे। जिसके बाद उसने इस पूरी रकम को आईपीएल के सट्टे और ऑनलाइन गेमिंग की स्कीमों में लगाकर उड़ा दिया था। मामले की एफआईआर होने के बाद धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ और 2021 में सनत को गिरफ्तार कर लिया गया। सनत की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले को नया मोड़ देते हुए ये ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ ये दिशा-निर्देश जारी कर दिए।