Gwalior. भले ही हमारे देश ने सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय तरक्की कर ली हो लेकिन आज भी समाज में कुरीतियां समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। ये सामाजिक बुराइयां समाज के लिए एक बदनुमा दाग है। हालत ये हैं कि आज बेटी होने पर महिला को सजा मिल रही है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है जहां बेटा न होने पर पति ने अपनी पत्नी को घर से बाहर निकाल दिया। अब पीड़ित महिला न्याय की गुहार लगाते हुए जनसुनवाई में पहुंची।
बच्चे के लिए IVF का लिया सहारा
खास बात ये है कि महिला ने कर्ज लेकर टेस्ट ट्यूब उपचार कराया ताकि उसके सिर से मुसीबतों का पहाड़ अब हट जाएगा। उसने एक-एक कर दो बच्चियों को जन्म दिया। किलकारियां गूंजी लेकिन उसके पति को बेटी होना कतई नहीं भाया और उसने पत्नी को घर से ही निकाल दिया।
6 साल से प्रताड़ित कर रहा था पति
पति करीब 6 साल से महिला को प्रताड़ित कर रहा है। शादी के कई सालों बाद भी जब महिला को बच्चे नहीं हुए तो उसने टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से गर्भधारण किया। इसके लिए उसने कर्ज लिया और सिलाई कर कर्ज चुकाया, लेकिन जब उसने दो बेटियों को जन्म दिया तो पति ने उसे छोड़कर दूसरी शादी करने का मन बना लिया, फिर उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। मंगलवार को पीड़िता अपनी मासूम बच्चियों के साथ रोती हुई पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित जनसुनवाई में पहुंची। यहां उसने पुलिस अफसरों को अपनी पीड़ा बताई, पुलिस अफसरों ने मामला जांच में ले लिया है।
'मारता-पीटता है पति'
पीड़ित महिला ने रोते हुए बताया कि पति उसे मारता-पीटता है, मुझे और बच्चियों को खाना नहीं देता। बोलता है कि मुझे वारिस चाहिए। अगर वारिस नहीं दिया तो मैं दूसरी शादी कर लूंगा। वो एक दूसरी महिला के साथ रहता है और उसी से शादी करना चाहता है। मेरा कोई नहीं हैं, मैं और मेरी बच्चियां किसके सहारे जिएंगे। मुझे न्याय चाहिए। मैं बेटा कहां से लाऊं।