भोपाल. MP कैडर के युवा आईएएस लोकेश जांगिड़ ने एक बार फिर ट्वीट कर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में औसतन हर चौथे दिन आईएएस अफसरों का तबादला किया है। जांगिड़ ने ये बात कार्मिक विभाग व्दारा केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कही है ।
तबादलों के लिए 2020 में 91 बार हुई सिविल सर्विसेस बोर्ड की बैठक
उन्होंने सोमवार, 26 जुलाई की शाम को किए गए ट्वीट में लिखा है कि मध्य प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी- कार्मिक) ने केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) को 09 जुलाई को लिखित रिपोर्ट में सूचित किया है कि वर्ष मप्र में 2020 में आईएएस (IAS) अफसरों के तबादलों की मंजूरी के लिए सिविल सर्विसेस बोर्ड की बैठक 91 बार हुई है। बोर्ड की ये सभी बैठकें प्रदेश में एक कार्यकाल की न्यूनतम अवधि ( 2साल) पूरी न कर पाने वाले अफसरों के तबादलों को मंजूरी देने के लिए हुईं।
दो साल के कार्यकाल सें पहले 379 IAS के तबादले
केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट "द सूत्र" के पास मौजूद है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अनुसार राज्य सरकार ने एक साल में 379 ऐसे आईएएस अफसरों का तबादला किया है जो फील्ड पोस्टिंग में 2 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। ऐसे आईएएस अफसरों में जांगिड़ का नाम भी शामिल है। 2014 बैच के आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ का 54 महीनों में 9 बार तबादला हुआ। यानी लगभग हर 6 महीने में सरकार ने उनका ट्रांसफर किया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्यों में बना सिविल सर्विसेस बोर्ड
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर 2017 में एक आदेश में कहा था कि सरकार किसी भी आईएएस अफसर को दो साल से पहले नहीं हटा सकती है। यदि किसी आईएएस का दो साल से पहले तबादला किया जाना जरूरी है तो उसके लिए कारण बताना होगा। इस तरह के तबादलों के लिए राज्य सरकारों को सिविल सर्विस बोर्ड बनाना होगा, जिनमें आईएएस अफसर को तय कार्यकाल से पहले हटाने के लिए बताए गए कारणों का परीक्षण करने के बाद बोर्ड तबादले की सिफारिश कर सकेगा।