साहित्य: IAS राजीव शर्मा की किताब 'विद्रोही संन्यासी' को मिला सर्वश्रेष्ठ कृति का सम्मान

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साहित्य: IAS राजीव शर्मा की किताब 'विद्रोही संन्यासी' को मिला सर्वश्रेष्ठ कृति का सम्मान

भोपाल. उपन्यासकार और IAS राजीव शर्मा (Rajeev Sharma) की कृति विद्रोही संयासी (Vidrohi sanyasi) को सर्वश्रेष्ठ कृति का सम्मान मिला है। वैली ऑफ वर्ड्स अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला उत्सव देहरादून के जूरी ने 2021 के हिन्दी नॉन फिक्शन कैटेगरी में ये सम्मान दिया है। विद्रोही संन्यासी भगवान आदिशंकराचार्य जी की जीवन गाथा पर आधारित उपन्यास (Novel) है। प्रभात प्रकाशन (Prabhat Prakashan) दिल्ली ने इस उपन्यास को छापा है, ये देश भर के पाठकों की पहली पसंद बना।

देहरादून में पुरस्कारों की घोषणा

वैली ऑफ वर्ड्स अलंकरण में मान पत्र के साथ एक लाख रूपए नगद दिए जाते हैं। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की ओर से आयोजन मंडल के अध्यक्ष संजीव चौपड़ा ने आज, 19 नवंबर को देहरादून में एक भव्य समारोह में इस वर्ष के पुरस्कारों की घोषणा की। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के महानिदेशक रहे संजीव चौपड़ा स्वयं एक नीति विश्लेषक, इतिहासकार और चिंतक हैं।

इन भाषाओं में आ चुका उपन्यास

मप्र के भिंड में जन्मे राजीव पेशे से प्रशासनिक अधिकारी हैं। नर्मदा तट पर उनकी पद स्थापना नरसिंहपुर, मण्डला से बड़वानी तक रही है। दमोह, पन्ना, छिंदवाड़ा, बालाघाट, उज्जैन, मंदसौर, शाजापुर, भोपाल आदि के बाद आजकल वे शहडोल में पदस्थ हैं। शर्मा की उपन्यास हिंदी के बाद मराठी में आ चुका है। बांग्ला, गुजराती और अंग्रेजी में शीघ्र आने वाला है। हिन्दी में इसका तीसरा संस्करण नए साल के प्रारम्भ में आने को है।

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