संजय गुप्ता, INDORE. एक बुजुर्ग माता-पिता (elderly parents) जिसके चार पुत्र है लेकिन कोई खाना खिलाने को तैयार नहीं है। मजबूरी में इन्हें पाटनीपुरा (Patnipura) के सांई मंदिर (Sai Mandir) में पांच रुपए की पर्ची कटवा कर भोजन करना पड़ता है। जब मामला फैमिली कोर्ट (Family Court) पहुंचा तो जज ने माता-पिता को भरण-पोषण के लिए एक लाख 92 हजार रुपए देने का आदेश दिया। बुजुर्ग माता पिता की ओर से वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे (Krishna Kumar Kunhare) और ईशवर लाल प्रजापति (Ishwar Lal Prajapati) ने तर्क रखे।
छेड़छाड़ के आरोप लगाए
राधिका कॉलोनी निवासी पीड़ित बुजुर्ग ओमप्रकाश नांगवंशी और उनकी पत्नी सुरजा बाई ने बताया कि उनकी चार संताने हैं। इन्हें शिक्षित कर पैरों पर खड़ा किया। शादियां कराई और खुद के बनाए दो मकानों में रहने दिया गया। बेटे और बहुओं द्वारा हमसे झाडू-पोंछा लगवाया जाता था। दूसरी मंजिल से पानी की बाल्टियां भरवाते थे। वृद्धाश्रम भेजने का दबाव बनाते थे। आपत्ति लेने पर बहू ने छेड़छाड़ के केस में फंसाने की धमकी दी।
कोर्ट ने फैसला में ये कहा
वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे और ईश्वर कुमार प्रजापति ने बताया कि नवंबर 2019 में हमने यह याचिका लगाई थी, जिसमें फैसला आ गया है। कोर्ट को हमने बताया कि बड़ा बेटा कमलेश टेलरिंग का कारखाना संचालित करता है। दूसरा बेटा दीपक नांगवंशी ट्रेजर आईसलैंड में नौकरी करता है। तीसरा बेटा विजय इलेक्ट्रीशियन है और चौथा बेटा भी कमाता है। लेकिन चारों में से कोई माता पिता का भरण पोषण नहीं कर रहा हैं। न्यायाधीश प्रवीणा व्यास ने बुजुर्ग माता-पिता के हित में सभी बेटों में से प्रत्येक बेटे से 1500 रुपए प्रति माह यानी चारों बेटों से कुल 6 हजार रुपए प्रति माह देने का आदेश दिया।