INDORE: पंचायत और निकाय चुनाव के उम्मीदवार पहुंच रहे बगलामुखी माता की शरण में, नलखेड़ा में रोज हो रहे यज्ञ

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Shivasheesh Tiwari
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INDORE: पंचायत और निकाय चुनाव के उम्मीदवार पहुंच रहे बगलामुखी माता की शरण में, नलखेड़ा में  रोज हो रहे यज्ञ

संजय गुप्ता, INDORE. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पंचायत और नगर निगम (Panchayat and Municipal Corporation) के लिए चुनाव हो रहे हैं। चुनाव में जीत के लिए नेता हर तरह के प्रयास करते हैं। ऐसे में भगवान भी सभी को याद आते हैं। आगर-मालव (Agar-Malav) जिले की नलखेड़ा (Nalkheda) तहसील में प्रसिद्ध बगलामुखी माता (Baglamukhi Mata Temple) का मंदिर है। आज कल माता का ये मंदिर नेताओं की श्रद्धाभक्ति का डेरा बना हुआ है। मंदिर का मिर्ची हवन पूरे भारत में प्रसिद्ध है, जो सभी प्रकार के कष्टों के निवारण और शत्रुओं के नाश के लिए किया जाता है। पंडित राजेंद्र राजगुरु बताते हैं कि सामान्य दिनों में यहां औसतन 40-50 यज्ञ अनुष्ठान (Yagya Rituals) होते थे लेकिन चुनाव की घोषणा के बाद से प्रत्याशियों का यहां लगातार आना-जाना लगा है। हर दिन औसतन 200 यज्ञ चुनाव विजय के लिए हो रहे हैं। सुबह से देर शाम तक यहां पर यज्ञ चल रहे हैं। पंडित कमलेश गुरु (Pandit Kamlesh Guru) कहते हैं कि मंदिर सिद्ध स्थान है। मंदिर की प्रसिद्धि कुछ ऐसी है कि देश के कई बड़े नेता चुनाव जीतने के लिए यहां यज्ञ-अनुष्ठान कराते हैं। इस मंदिर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई बड़े नेता यज्ञ करा चुके हैं।





महाभारत युद्ध जीतने के लिए युधिष्ठिर ने किया था यज्ञ



 



लखुंदर (पुराना नाम लक्ष्मणा) नदी के किनारे स्थित इस देवी मंदिर में त्रिशक्ति माता विराजित हैं, जो स्वयंभू अर्थात स्वयं प्रकट मानी जाती हैं। माता बगलामुखी की मूर्ति पूरे विश्व में मात्र तीन (नेपाल, दतिया और नलखेड़ा ) स्थानों पर विराजित हैं। भारत में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां माता की स्वयंभू मूर्ति में तीन देवियां समाहित हैं। मध्य में माता बगलामुखी, दाएं भाग में मां लक्ष्मी और बाएं भाग में मां सरस्वती विराजित हैं। माता बगलामुखी को महारुद्र (मृत्युंजय शिव) की मूल शक्ति के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि इस सिद्ध मंदिर की स्थापना भगवान कृष्ण के कहने पर पांडवों ने की थी। महाराज युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए इस मंदिर में माता बगलामुखी की आराधना की थी। मंदिर में माता बगलामुखी के अलावा दक्षिणमुखी हनुमान जी, भगवान कृष्ण और काल भैरव का मंदिर है। मंदिर के सामने ही एक दिव्य दीपमालिका है, जिसकी स्थापना महाराज विक्रमादित्य ने करवाई थी।





तंत्र साधना के लिए प्रमुख 





नलखेड़ा स्थित माता बगलामुखी मंदिर सामान्य श्रद्धालुओं के अलावा सिद्ध साधु-संतों और तांत्रिकों के लिए साधन का सर्वश्रेष्ठ स्थान माना जाता है। श्मशान से घिरा होने और नदी के किनारे बसा होने के कारण यह स्थान तांत्रिक विद्या साधना के लिए उपयुक्त माना जाता है। नवरात्रि में इस मंदिर का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।



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