संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर डिवीजनल क्रिकेट एसोसिएशन (Indore Divisional Cricket Association) के प्रेसीडेंट (President) पद पर लगातार सातवीं बार बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) चुने गए हैं। लेकिन पद पर आने से पहले एक बार फिर ना-नुकुर और मनुहार का दौर चला। विजयवर्गीय ने मंच पर आते ही फिर से प्रेसीडेंट पद लेने से मना कर दिया और कहा कि मैं समय नहीं दे पाता हूं और अब लंबा वक्त हो गया है। संजय लुणावत या अन्य किसी को भी यह पद दे दिया जाए। जरूरत हो तो मुझे पैट्रन बनाकर संस्था से जोड़ा जाए। लेकिन कमेंटेंटर सुशील दोषी ने कहा कि संस्था को आपकी जरूरत है, आप पद पर बने रहिए। कुछ सदस्यों ने तो यहां तक कहा कि संविधान में बदलाव करते हुए विजयवर्गीय को हमेशा के लिए प्रेसीडेंट बना दिया जाए। मनुहार के लंबे चले दौर के बाद आखिरकार विजयवर्गीय ने पद स्वीकार कर लिया और कहा कि दोषी का कहा कि मैं टाल नहीं सकता, इसलिए अंतिम बार यह पद संभाल रहा हूं। साल 2024 में मुझे अब इस पद से मुक्ति दे देना। कार्यक्रम में चंदू शिंद और सुशील अग्रवाल को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया। इसके पहले अवार्ड सेरेमनी में खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया।
विजयवर्गीय ही बाकी टीम बनाएंगे
एजीएम (AGM) में यह भी फैसला लिया गया कि आईडीसीए (IDCA) की बाकी कार्यकारिणी विजयवर्गीय ही चुनेंगे। इसके अधिकार उन्हें ही दे दिए गए। उनकी मंजूरी से सचिव व अन्य पदों के लिए सदस्य चुने जाएंगे। इस मौके पर विजयवर्गीय ने कहा कि हर व्यक्ति का प्रमोशन होता है, मेरा भी होना चाहिए। मैं कब तक अध्यक्ष बना रहूंगा। मैं अपने पद से न्याय नहीं कर पाता हूं। मैं क्रिकेट (Cricket) में कुछ देने आया था, वह मैं बिना अध्यक्ष बने हुए भी दे सकता हूं। मैं 365 दिन में से बमुश्किल 65 दिन ही इंदौर में रहता हूं। इसलिए मैं इस पद से मुक्ति चाहता हूं।
रणजी ट्राफी में एमपी की जीत पर ये कहा
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह गौरव की बात है कि एमपी की रणजी टीम ने खिताब जीतते हुए इतिहास रचा है। इसमें हमारे शहर के खिलाडि़यों का अहम योगदान रहा है। आप इंदौर के क्रिकेट के विकास का श्रेय मुझे देते हैं, लेकिन मेरा कोई योगदान नहीं है। मेरा प्रयास सिर्फ इतना रहता है कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलें।