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योगेश राठौर, INDORE. निगम चुनाव (corporation election) में हुई कम वोटिंग को लेकर प्रदेश बीजेपी (BJP) ने भले ही राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) को घेरा है। लेकिन इंदौर की बीजेपी ने इसे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) की सरकार की बेईमानी बताया है। साथ ही कहा कि यह हमारी गलती थी कि हमने वोटर लिस्ट पर ध्यान नहीं दिया। समय पर ऐसा करते तो बीजेपी समर्थक वोटर्स के नाम नहीं कटते। बीजेपी के नेता और वोटिंग के दिन कंट्रोल रूम के प्रभारी बाबू सिंह रघुवंशी ने द सूत्र से कहा कि वोटिंग के दिन कई फोन हमारे पास आए, जिसमें मतदाताओं के नाम नहीं मिलने जैसी शिकायतें थी। इसी के कारण कम वोटिंग हुई। इसका कारण कमलनाथ सरकार है। उन्होंने निगम चुनाव की वोटर लिस्ट बनवाई थी, जिसमें बेइमानी से नाम काटे गए। उसी लिस्ट पर यह चुनाव हुए। निगम कार्यालय में बैठकर बीजेपी समर्थक मतदाताओं के नाम काटे गए। हमे इस ओर ध्यान देना था लेकिन हमारी गलती रही। कार्यकर्ताओं को यह पता ही नहीं था कि यह चुनाव उसी लिस्ट पर हो रहे हैं।
बीएलओ की ड्यूटी लग गई चुनाव में
वहीं बताया जा रहा है कि इस बार मतदान कर्मचारियों की कमी होने के चलते कई जगह बीएलओ की ड्यूटी भी चुनाव कराने में लगा दी गई, इसके चलते मतदाता पर्ची बांटने का काम सही तरह से हुआ ही नहीं।
उधर संघ में चर्चा है कि पार्टी संगठन मैदान में था ही नहीं
संघ स्तर पर आपस में चली चर्चा में यह बात प्रमुख तौर पर गई है कि इस बार बीजेपी का नगर संगठन सुस्त रहा, वोटिंग के दिन मतदान केंद्रों पर पार्टी के लोग मौजूद नहीं थे। पूरे चुनाव के दौरान संगठन सुस्ती में रहा और केवल सीएम और बडे नेताओं के दौरे के समय ही सक्रिय रहा, बाकी समय मैदान से गायब रहा। इसके चलते कम वोटिंग हुई और पार्टी वैसा माहौल नहीं बना सकी, जिसके लिए जानी जाती है। माना जा रहा है कि रिजल्ट के बाद इसका खामियाजा कई पदाधिकारियों को उठाना पडेगा।