Indore.प्रदेश में साल 2019 में ओबीसी आरक्षण कोटा को 14 फीसदी की जगह 27 फीसदी कर दिया गया था। इस फैसले के खिलाफ कुछ लोग हाईकोर्ट गए और तीन साल से ज्यादा समय से मामला हाईकोर्ट में ही चल रहा है। इसके चलते मप्र पीएससी की विविध परीक्षाएं देने वाले प्रतियोगी अंतिम रिजल्ट आने की बाट जोह रहे हैं। पीएससी के साथ ही कर्मचारी चयन बोर्ड (एमपीपीईबी) से भी होने वाली सभी भर्तियां अटक गई है औऱ् इसके कारण लाखों प्रतियोगियों का भविष्य अधर में हो गया है।
18 जुलाई तक लिखवा रहे हैं लाखों चिटिठयां
परेशान उम्मीदवारों ने बताया कि जब स्थानीय चुनावों के लिए सरकार जल्द पक्ष रख सकती है, सुनवाई जल्द हो सकती है, तो हम युवाओं के भविष्य के लिए देरी क्यों हो रही है। हम पूरे प्रदेश में ईमेल, चिट्ठी लिखने का अभियान चला रहे हैं। इस माध्यम से हाईकोर्ट से आग्रह कर रहे हैं कि वह हमारे मामले में जल्द फैसला सुनाएं, जिससे भर्तियां शुरू हो सकें। अभी तक छह हजार चिट्ठी, ईमेल आ चुके हैं।
यह रिजल्ट अटके
पीएससी ने साफ किया है कि जब तक हाईकोर्ट से आरक्षण का अंतिम फैसला नहीं आता, परिणाम घोषित नहीं होंगे। इसके चलते साल 2019 के पीएससी के इंटरव्यू, 2020 की मुख्य परीक्षा के और साल 2021 के प्रीलिम्स के रिजल्ट सभी अटके हुए हैं।