ग्वालियर. विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत बाल भवन के पास एक बुजुर्ग ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया, ऐसे में पास के ही एक कार्यक्रम में मौके पर मौजूद कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बुजुर्ग की जान को बचाया, लेकिन तब तक वह पचास फीसदी जल चुका था, गंभीर हालत में बुजुर्ग को जयारोग्य अस्पताल की वर्न यूनिट रेफर किया गया जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है, हादसे के पीछे सैलरी ना दिए जाने का कारण बताया गया है।
होटल में करता था काम ,नही मिला वेतन
घटना गुरुवार की पूर्वाह्न की है । झांसी रोड थाना क्षेत्र स्थित नगर निगम के बाल भवन के पास कैप्टन रूप सिंह को याद करते हुए जन्मदिन कार्यक्रम आयोजित किया गया था, लेकिन पास में ही जब एक बुजुर्ग ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। इसी बीच वहां से निकल रहे कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार की निगाह भी उन पर पड़ गयी। उनके कार्यकर्ता और आम लोग हैरत में आ गए। सिकरवार ने तत्काल युवक की आग को बुझाया । लेकिन तब तक वह लगभग पचास हजार रुपये तक जल चुका था। युवक ने बेहोश होने से पहले मौके पर मौजूद लोगों को बताया कि उसका नाम अंगद है, और वह स्टेशन पर स्थित यादव ढाबे पर काम करता है, लेकिन बीते 3 महीनों से ढाबा संचालक उसकी सैलरी उसे नहीं दे रहा है, जिसके चलते उसकी माली हालत बिगड़ने लगी है और सैलरी मांगने पर ढाबा संचालक उसे धमकी भी देता है, पड़ाव थाना पुलिस के पास गुहार लगाने पर भी उसे मदद नहीं मिली अंततः वह हताश हो गया ऐसे में उसने आत्मदाह का कदम उठाया ।बुजुर्ग की आपबीती सुनने के बाद तत्काल कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने अपने कार्यकर्ताओं के जरिए उसे जयारोग्य अस्पताल की बर्न यूनिट पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू कर दिया है बताया जा रहा है कि उसकी हालत गंभीर है, घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंची पुलिस को बुजुर्ग ज्यादा कुछ बयान नहीं दे पाया, ऐसे में फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और बुजुर्ग के ठीक होने के बाद पूरे घटनाक्रम को लेकर बयान दर्ज कराए जाएंगे, जिसके बाद दोषी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। एडिशनल एसपी मृगाखी डेका ने बताया कि घायल युवक को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। वह निजी संस्थान में नौकरी करना बता रहा है। पुलिस उसकी तस्दीक कर रही है।
परसों भी हुई थी ऐसी कोशिश
जन सुनवाई में मंगलवार को भी एक महिला ने कलेक्ट्रेट में आग लगाने की कोशिश की थी । उसका आरोप था कि छह माह पहले उसके पति की मौत हो चुकी है उस समय उसे आश्वासन दिया गया था कि उसे चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी मिलेगी लेकिन वह तब से अधिकारियों के चक्कर लगा-लगाकर थक गई लेकिन उसे कोई मदद नही मिली। उसके छोटे बच्चे हैं वह उसे भी नही पाल पा रही इसलिए मरने के लिए यह कदम उठाया। हालांकि आग लगाने से पहले ही लोगो ने उसे बचा लिया