भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार जनहितैषी होने का दावा तो करती है, पर सच्चाई इससे अलग है। मध्यप्रदेश विधानसभा के पांचवें दिन इसे लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ। कालापीपल से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के एक प्रश्न का जो जवाब लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी ने दिया। उसके बाद सरकार की मंशा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। टोल नाकों पर हो रही वसूली से संबंधित प्रश्न का जो उत्तर आया उसके बाद आरोप यह लगने लगे हैं कि टोल नाकों के बहाने सरकार ने निजी कंपनियों को जनता को लूटने की खुली छूट दे दी है।
दरअसल सड़क निर्माण के बाद लागत और मुनाफा राशि वसूलने के लिए टोल नाके लगाए जाते हैं। इन टोल नाकों से गुजरने वाले वाहन चालकों को अच्छी सड़क की एवज में टोल पर एक निश्चित राशि देना होती है, पर विधानसभा में लगे प्रश्न का जो जवाब आया उसके अनुसार रोड का निर्माण करने वाली कंपनी महज 10 से 14 सालों में 140 से 270 प्रतिशत तक लाभ कमा चुकी है, बावजूद इसके टोल अभी वर्ष 2033 तक संचालित होने हैं। मतलब इस अवधि तक रोड निर्माण करने वाली कंपनियां लागत से 334 प्रतिशत से 676 प्रतिशत तक मुनाफा कमा लेंगी।
बड़ा सवाल: क्या इतना मुनाफा कमाने की दी जा सकती है छूट...
जब कोई कंपनी अपने खर्चे पर सड़क का निर्माण करती है तो जाहिर सी बात है कि वह अपने इस इंवेस्टमेंट के बदले मुनाफा भी कमाना चाहेगी, इसके लिए विभाग और कंपनी के बीच अनुबंध भी होता है। इसमें कुछ गलत भी नहीं है, पर यहां बड़ा सवाल यह है कि क्या टोल (Toll tax) के बहाने निजी कंपनियों को जनता को लूटने की खुली छूट दी जा सकती है। क्योंकि इस टोल टैक्स का पैसा तो जनता के ही जेब से जाएगा। इसे इस तरह से समझे कि यदि कोई सड़क 600 करोड़ में बनती है तो कंपनी लागत और मुनाफे सहित 1200 करोड़ कमा ले, लेकिन 600 करोड़ की एवज में 3 हजार करोड़ कमाना तो गलत है।
सदन में दिए गए जवाब में टोल नाकों की यह है हकीकत...
टोल नाका एक: लेबड़-जावरा फोरलेन
सड़क की लंबाई: 124 किमी
सड़क की लागत: 605.45 करोड़
टोल कब शुरू हुआ: 2011
कब तक टोल चालू रहेगा: 2033
अब तक टोल से हुई कमाई: 1484.15 करोड़
ऐसे समझे मुनाफे का खेल: 11 साल में सड़क निर्माण वाली कंपनी लागत के विरूद्ध मुनाफा 145 प्रतिशत तक कमा चुकी है। ये टोल अभी 2033 तक ओर चलेगा तब तक कंपनी लागत के विरूद्ध मुनाफा 391 प्रतिशत तक कमा लेगी यानी सड़क बनाई 605.45 करोड़ में और कमा लिया 2970 करोड़।
टोल नाका दो: जावरा नयागांव रोड
सड़क की लंबाई: 127 किमी
सड़क की लागत: 450 करोड़
टोल कब शुरू हुआ: 2012
कब तक टोल चालू रहेगा: 2033
अब तक टोल से हुई कमाई: 1662.75 करोड़
ऐसे समझे मुनाफे का खेल: 10 साल में सड़क निर्माण करने वाली कंपनी लागत के विरूद्ध मुनाफा 270 प्रतिशत तक कमा चुकी है। ये टोल अभी 2033 तक ओर चलेगा तब तक कंपनी लागत के विरूद्ध मुनाफा 676 प्रतिशत तक कमा लेगी यानी सड़क बनाई 450 करोड़ में और कमा लिया 3492 करोड़।
टोल नाका तीन: देवास भोपाल रोड
सड़क की लंबाई: 141 किमी
सड़क की लागत: 463 करोड़
टोल कब शुरू हुआ: 2008
कब तक टोल रहेगा चालू: 2033
टब तक हुई टोल से कमाई: 1124 करोड़
ऐसे समझे मुनाफे का खेल: 14 साल में सड़क निर्माण वाली कंपनी लागत के विरूद्ध मुनाफा 143 प्रतिशत तक कमा चुकी है। ये टोल अभी 2033 तक ओर चलेगा तब तक कंपनी लागत के विरूद्ध मुनाफा 334 प्रतिशत तक कमा लेगी यानी सड़क बनाई 463 करोड़ में और कमा लिया 2007 करोड़। इस पर सरकार ने 81 करोड़ का अनुदान भी दिया है।
सरकार को टोल मुनाफा करना चाहिए सीमित: जाहिर सी बात है सरकार ने कंपनियों को करोड़ों मुनाफा कमाने की खुली छूट दे दी है। विधानसभा में प्रश्न लगाने वाले कालापीपल से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि सरकार ने कंपनियों को लूटने की छूट दी है। कम्पनियां जनता को खुलेआम लूट रही हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि टोल का मुनाफा सीमित कर जनता को राहत पहुंचाई जाए। बता दें कि कांग्रेस विधायक ने 200 करोड़ की अधिक लागत से बने टोल नाकों पर सवाल पूछा था।