GWALIOR : इमरती ने बिछाई विसात जिस पर बीजेपी और नरोत्तम दोनो को हराया फिर कांग्रेस को भी दिया चकमा

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Dev Shrimali
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GWALIOR : इमरती ने बिछाई विसात जिस पर बीजेपी और नरोत्तम दोनो को हराया फिर कांग्रेस को भी दिया चकमा



GWALIOR. इमरती ने पहले अपना अध्यक्ष जिताया फिर उपाध्यक्ष पर क्रॉस वोटिंग से बीजेपी का उपाध्यक्ष हार गया। थोड़ी देर बाद कांग्रेस से जीते उपाध्यक्ष को बीजेपी में शामिल होने की घोषणा करा दी। इससे वहां बीजेपी संगठन बिफर गया। इसके बाद बीजेपी और इमरती देवी आमने सामने आये। बीजेपी के जिला अध्यक्ष ग्रामीण ने कहाकि कांग्रेस का नव निर्वाचित उपाध्यक्ष बीजेपी में शामिल हो गया है इसका उन्हें पता नहीं है जबकि इमरती देवी ने घोषणा की कि उपाध्यक्ष ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इस तरह जनपद पंचायत डबरा के बाद नगर पालिका पर भी बीजेपी और गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को मुंह की खानी पडी। दोनों पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य समर्थक पूर्व मंत्री और मध्यप्रदेश लघु उद्योग विकास निगम की चेयरमेन श्रीमती इमरती देवी का एकछत्र कब्जा हो गया।





पहले अपना अध्यक्ष जिताया





डबरा गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का गृह क्षेत्र भी है और लम्बे समय तक वे यहाँ से विधायक भी रहे हैं। जब डबरा विधानसभा अनुसूचित जाती के लिए सुरक्षित हो गयी तो डॉ मिश्रा ने पड़ौस में स्थित दतिया को अपनी कर्मभूमि बनाया और डबरा से कांग्रेस नेत्री इमरती देवी भारी मतों से जीतती रही। तब ऐसी भी चर्चाएं होतीं थी कि उन्हें जिताने में मिश्रा समर्थकों की ही बड़ी भूमिका होती थी। जब कमलनाथ सरकार बनी तो वे महिला बाल विकास मंत्री बनी और उन्हें एक बार भिंड से लोकसभा का टिकट भी दिया गया हालाँकि वे हार गईं।  इसके बाद एमपी की सियासत में सबसे बड़ा उलटफेर हुआ जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार को गिराने का फैसला लिया और वे अपने सभी समर्थक विधायकों से इस्तीफा दिलाकर बीजेपी में शामिल हो गए।  इस्तीफा देने के बाद भी इमरती देवी महिला  विकासमंत्री बनीं रहीं लेकिन उप चुनाव में जब वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ी तो हार गयीं इसलिए उनका मंत्री पद जाता रहा।  यद्यपि सिंधिया ने मुख्यमंत्री पर दबाव बनाकर उन्हें लघु उद्योग निगम का चेयरमेन बनाकर केबिनेट मंत्री का दर्जा दिलवा दिया।  इमरती के बीजेपी में आते ही डबरा में इमरती बनाम नरोत्तम मिश्रा के बीच बर्चस्व की लड़ाई चलने लगी। यह लड़ाई पंचायत चुनावों में सतह पर आ गई जब इमरती ने सबसे पहले बीजेपी और नरोत्तम को दरकिनार कर भितरवार नगर परिषद पर कब्जा करवाया और फिर डबरा जनपद अध्यक्ष पद पर भी बीजेपी को मात दी। उन्होंने अपनी ताकत दिखाने के लिए पहले चुने प्रतिनिधियों को दिल्ली लेजाकर सिंधिया से मिलवाया ताकि साफ़ सन्देश जाए कि सिंधिया के लोग जीते हैं। लेकिन जिला पंचायत के चुनाव में नरोत्तम मिश्रा और नरेंद्र तोमर समर्थक उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह आपस में मिल गए और वहां इमरती देवी के समर्थक को अध्यक्ष नहीं बनने दिया।







बदला नगर पालिका में लिया





लेकिन गुरूवार को हुए नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में इमरती ने नरोत्तम और बीजेपी दोनों को तगड़ा झटका दे दिया। इमरती और नरोत्तम दोनों ने ही अपने पार्षदों की बाड़ाबंदी कर रखी थी। इमरती ने अपने पार्षदों को दिल्ली ले जाकर सिंधिया के सामने परेड करवाकर अपनी शक्ति का अहसास भी करवा दिया। सड़को पर आ रही इस लड़ाई में बीजेपी संघन में हस्तक्षेप किया और तय किया गया कि अध्यक्ष इमरती का बन जाए लेकिन उपाध्यक्ष बीजेपी और डॉ मिश्रा का ही बने। इसके लिए पार्टी की ग्रामीण इकाई के जिला अध्यक्ष अध्यक्ष पद के लिए लक्ष्मी बाई पूरन सिंह को अध्यक्ष और कपिल खटीक को उपाध्यक्ष पद का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। मतदान के पहले तक सब एकजुट दिखे। अध्यक्ष पद पर सबने एकजुट होकर वोट डाले नतीजतन बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मी बाई 24 मत पाकर विजयी हुईं जबकि कांग्रेस प्रत्याशी सुनीता राजौरिया महज छह मत ही पा सकीं।



इसके बाद हुए उपाध्यक्ष के चुनाव में भी बीजेपी प्रत्याशी कपिल खटीक की जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी लेकिन नतीजे देख सब चौंक पड़े।  इस चुनाव में बीजेपी पार्षदों ने जमकर क्रॉस वोटिंग की और बीजेपी का अधिकृत प्रत्याशी बुरी तरह हार गया।   इसमें कांग्रेस के सत्येंद्रदुबे ने १९ वोट पाकर जीत हासिल की जबकि बीजेपी का अधिकृत प्रत्याशी कपिल खटीक महज 11 वोट ही पा सके जबकि आधा घंटे पहले ही हुए चुनाव में बीजेपी के अध्यक्ष 24 वोट हासिल किये थे।







कहानी  में क्लाइमेक्स  इसके बाद आया





लेकिन बीजेपी बनाम सिंधिया बीजेपी के बीच चल रही इस बर्चस्व की लड़ाई का खात्मा यहीं नहीं हुआ बल्कि क्लाइमेक्स आना अभी बांकी था। अप्रत्याशित जीत से हथप्रभ कांग्रेसियों में जीत की ख़ुशी का पारावार नहीं रहा।  वे ख़ुशी मनाने में मशगूल थे इस बीच उनका सपना टूटा और बीजेपी को और भी तगड़ा झटका लगा जबी इमरती देवी ने घोषणा कर दी कि नव निर्वाचित उपाध्यक्ष कपिल शर्मा कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं। कुछ ही देर पहले उन्होंने क्रॉस वोटिंग के जरिये बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी को हराया था। इधर सड़कों पर कार्यकर्ता जीत की ख़ुशी में कांग्रेस जिन्दावाद के नारे लगा रहे थे उधर उपाध्यक्ष ने इमरती के घर पहुंचकर बीजेपी की सदस्यता लेने का ऐलान कर दिया।





बीजेपी में कलह बढ़ी





इसके बाद बीजेपी में घमासान तेज हो गया। कांग्रेस विधायक सुरेश राजे ने इसे विश्वास घात बताया और कहाकि बीजेपी अब लोगों को डरा धमकाकर अपने पक्ष में करने और धन बल ,सत्ता बल के बूते लोकतंत्र को खत्म करने पर आमादा है।  लेकिन कांग्रेस ने ही नहीं स्वयं बीजेपी ने भी इस मामले पर काफी तल्ख़ टिप्पणी की।  बीजेपी ग्रामीण के अध्यक्ष और नरोत्तम मिश्रा के नजदीकी कौशल शर्मा ने कहाकि कांग्रेस से निर्वाचित उपाध्यक्ष बीजेपी में शामिल हो गए इसके बारे में उन्हें कुछ नहीं पता क्योंकि संगठन ने अभी किसी को सदस्यता नहीं दी है।  उन्होंने कहाकि अधिकृत प्रत्याशी के पत्र जारी होने के बावजूद पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की इसकी शिकायत वे पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व को करेंगे। इमरती ने कहाकि सभी लोग श्रीमंत महाराज साहब के सामने सदस्यता ले चुके है।



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