पन्ना में हीरों की नीलामी पर मंदी का असर, दो दिन में बिके सिर्फ 19 नग हीरे

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Vivek Sharma
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पन्ना में हीरों की नीलामी पर मंदी का असर, दो दिन में बिके सिर्फ 19 नग हीरे

अरुण सिंह, PANNA. मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में स्थित उथली हीरा खदानों से प्राप्त हीरों की चल रही नीलामी में वैश्विक आर्थिक मंदी का असर साफ दिखाई दे रहा है। नीलामी के दूसरे दिन 23.43 कैरेट वजन के सिर्फ 7 नग हीरे बिके हैं। मालूम हो कि यहां संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन पन्ना में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हीरों की नीलामी गत 18 अक्टूबर को शुरू हुई थी। हीरों की इस नीलामी में उज्जवल, मटमैले, एवं औद्योगिक किस्म के कुल 355.96 कैरेट वजन के 204 नग हीरे रखे गए हैं। इन हीरों की अनुमानित कीमत 4 करोड़ 9 लाख रुपये के लगभग निर्धारित की गई है।



69 नग हीरे बिक्री के लिए रखे गए



हीरा अधिकारी रवि पटेल ने दूसरे दिन की नीलामी के बाद बताया कि आर्थिक मंदी के चलते हीरों की निर्धारित कीमत नहीं मिल रही। यही वजह है कि उम्मीद के मुताबिक इस बार की नीलामी में हीरे नहीं बिक रहे। पटेल ने बताया कि पहले दिन की नीलामी में 68 नग हीरे कुल 82.38 कैरेट के रखे गए थे। जिसमें 14.70 कैरेट वजन के 12 नग हीरे 24 लाख 7 हजार 526 रुपये में नीलाम हुए। जबकि दूसरे दिन 19 अक्टूबर की नीलामी में 126.76 कैरेट वजन के 69 नग हीरे बिक्री के लिए रखे गए थे। जिनमें 23.43 कैरेट वजन के सिर्फ 7 नग हीरे 49 लाख 37 हजार 834 रुपये में बिके हैं। 



नीलामी का कल अंतिम दिन 



दो दिन की नीलामी में कुल 38.13 कैरेट वजन के 19 नग हीरे 73 लाख 45 हजार 360 रुपये में बिक्री हुए हैं। हीरों की यह नीलामी 20 अक्टूबर तक चलनी है, जाहिर है कि नीलामी का कल अंतिम दिन है। हीरा कार्यालय पन्ना के हीरा पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि नीलामी के दूसरे दिन जेम क्वालिटी का 6.81 कैरेट वजन का हीरा 3 लाख 81 हजार रुपये प्रति कैरेट की दर से 25 लाख 94 हजार 610 रुपये में बिका है जिसे मदर जेम्स ने ख़रीदा है। दो दिनों की नीलामी में किसी एक हीरे की यह सबसे अधिक कीमत है। आपने बताया कि नीलामी के अंतिम दिन जेम क्वालिटी वाले कई बड़े हीरों के बिकने की उम्मीद है।



रूस-य्रूकेन युद्ध का असर दिखा



इस बार नीलामी में रूस-य्रूकेन युद्ध का असर दिखाई दिया।  वैश्विक स्तर पर हीरों की मांग न होने से मंगल पुष्य नक्षत्र के बाद भी हीरों की नीलामी में मंदी रही। देर शाम तक नीलामी में महज 14.71 कैरेट के 12 हीरे बिक पाए। पन्ना डायमंड एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि पहले दिन नीलामी में रखे गए ज्यादातर हीरे पेंडिंग वाले थे। कुछ का वैल्युवेशन ज्यादा होने के कारण कीमत नहीं मिल पाई।  कुछ हीरे अच्छी कीमत पर बिके। फिलहाल वैश्विक स्तर पर मंदी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भी मांग नहीं बन पाई है। इसी के चलते देश में भी हीरों की मांग अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। पहले दिन हीरों की बिक्री अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाई।



69 कारोबारियों ने लिया हिस्सा



नीलामी में देशभर से 69 कारोबारी और हीरा फर्मों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। इनमें मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र के कारोबारी शामिल हैं। हीरा अधिकारी रवि पटेल ने कहा, प्रयास कर रहे हैं कि हीरे ज्यादा से ज्यादा कीमत में बिकें, जिससे अच्छा राजस्व मिल सके।



सदियों से मिलते रहे हैं हीरे



पन्ना जिले में सदियों से हीरे मिलते रहे हैं और यहां रातों रात गरीबों के लखपति व करोड़पति बनने की सैकड़ों कहानियां हैं। आजादी के बाद प्रशासनिक व्यवस्था लागू होने के बाद पन्ना की रत्नगर्भा धरती से मिलने वाले हींरो को जमा करने के लिए यहां एशिया महाद्वीप का इकलौता हीरा कार्यालय बनवाया गया था। जहां पर उथली हीरा खदानों से मिलने वाले हीरे जमा करवाए जाते रहे हैं। समय-समय नीलामी का आयोजन भी किया जाता रहा है। जो प्रक्रिया आज भी चल रही है।


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