Damoh. सरकार के द्वारा बेहतर स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों की राशि शासकीय अस्पताल पर खर्च की जा रही है और शासकीय एंबुलेंस का भी संचालन किया जा रहा है इसके साथ 108 एंबुलेंस की सुविधा भी जिला अस्पताल में उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन समय पर यह एंबुलेंस मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पाती इसके कारण उन्हें प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है। जिला अस्पताल में प्राइवेट एंबुलेंस चालकों की मनमानी चरम पर है और इसी का नतीजा यह हुआ कि आज सुबह सर्पदंश के शिकार युवक को जबलपुर ले जाते समय रास्ते में प्राइवेट एंबुलेंस की ऑक्सीजन खत्म होने से उसकी मौत हो गई। परिजन शव लेकर वापस जिला अस्पताल पहुंचे और जमकर हंगामा किया। साथ ही एंबुलेंस चालक पर मनमानी का आरोप लगाया।
दमोह जिले के बटियागढ़ थाने के तिदुआ सेडारा गांव निवासी बृजेंद्र सिंह पिता भैयालाल को आज सुबह 5 बजे घर में सोते समय सांप ने डस लिया। जिसे परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए। जहां युवक की हालत गंभीर होने पर डाक्टर ने जबलपुर रेफर कर दिया। परिजनों ने 108 को फोन लगाया लेकिन उस समय वह वाहन मौजूद नहीं था। इसलिए परिजन प्राइवेट एंबुलेंस से बेटे को जबलपुर ले जा रहे थे
एंबुलेंस चालक ने पर्याप्त आक्सीजन होने की बात कही थी, लेकिन रास्ते में हथिनी गांव के पहले ऑक्सीजन खत्म होने से युवक की मौत हो गई। जिसके बाद परिजन शव लेकर वापस जिला अस्पताल आए और हंगामा करते हुए प्राइवेट एंबुलेंस के चालक पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। परिजनो ने कहा एंबुलेंस में पर्याप्त आक्सीजन नही थी जिससे उनके बेटे के आक्सीजन के अभाव में मौत हो गई। परिजनो ने कहा कि एंबुलेंस संचालक के द्वारा पैसा ले लिया जाता है और सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती है।