Damoh. आमतौर पर विजया दशमीं के पर्व पर बुराई के प्रतीक रावण का दहन करने की परंपरा है लेकिन दमोह में मंगलवार की दोपहर हुई एक घंटे की बारिश से तहसील ग्राउंड में तैयार हो रहा दशानन का पुतला पानी में भीग गया और 50 फीट के रावण का कद 14 फीट का बचा जिसके बाद प्रतिकात्मक रूप से परंपरा को निभाते हुए रावण का दहन हुआ।
दोपहर में पूरा रावण बनकर तैयार हो चुका था और पैर लगने के बाद रावण को खड़ा होना था, लेकिन दोपहर 3 बजे हुई जोरदार बारिश में पूरा पुतला बारिश में गीला हो गया था और आतिशबाजी भी पानी में भीग गई थी। इसलिए आयोजन समिति के सदस्यों ने तत्काल जालौन से आए कलाकारों की मदद से रावण के पुतले का सुधार कार्य शुरू कराया और उसके आकार को छोटा कर उसे किसी तरह खड़ा किया गया। इसके बाद भगवान श्रीराम ने बांण छोड़कर रावण के पुतले का दहन किया। हालांकि बारिश होने के बाद भी रावण दहन कार्यक्रम को देखने के लिए लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ और लोग बड़ी संख्या में तहसील ग्राउंड पहंुचे।
आयोजन समिति के अनुनय श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार 50 फीट के रावण के पुतले को तैयार किया गया था। जिसकी तैयारियां भी मंगलवार दोपहर तक पूरी हो गई थी, लेकिन उसके बाद हुई जोरदार बारिश से पुतला भीग गया जिसे बचाने के लिए पालीथन डालकर उसे ढका गया, लेकिन बारिश इतनी तेज थी कि पुतला भीगने के साथ उसके अंदर की आतिशबाजी भी भीग गई। इसलिए पुतले के आकार को 14 फीट करने के बाद रावण दहन कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हुआ। आयोजन समिति से जुड़े हुए लोग लगातार कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने के लिए लगे रहे।
शाम को रामदल तहसील ग्राउंड पहुंचा जहां पूजा अर्चना के बाद भगवान राम ने रावण का दहन किया। इस मौके पर दमोह विधायक अजय टंडन, कलेक्टर एसकृष्ण चैतन्य, एसपी डीआर तेनीवार सहित जनप्रतिनिधि व ग्रामीण क्षेत्रों से व शहर से आए लोग मौजूद रहे।