INDORE. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) और उनकी सरकार (Government of Madhya Pradesh) भले ही कितने दावे करे कि राजस्व के काम अब तेजी से होते हैं और लोक सेवा गारंटी अधिनियम (Public Service Guarantee Act) में तय समय पर होते हैं। लेकिन मैदान पर यह दावे फेल होते नजर आते हैं। राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार (Corruption) का इसी बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि आए दिन रिश्वत लेते अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार हो रहे हैं। हालिया मामला इंदौर के हातोद का है। यहां पटवारी दीपक मिश्रा (Patwari Deepak Mishra) को किसान धर्मेंद्र सिंह (Dharmendra Singh) से रिश्वत (Bribery) लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पटवारी नामांतरण करने के बदले में आठ हजार रुपए की घूस ले रहा था।
यह है पूरा मामला
धर्मेंद्र सिंह ने अपनी माता के नाम पर ग्राम अरण्या में 0.506 हेक्टयर जमीन खरीदी थी। इसके नामांतरण के लिए फरवरी 2022 में तहसीलदार के पास आवेदन लगा। इसमें पटवारी से रिपोर्ट बुलाने के निर्देश हुए। लेकिन पटवारी ने आपत्ति वाला प्रतिवेदन लगाया और फरियादी से दस हजार की रिश्वत मांगी। साथ ही पटवारी ने तत्काल में दो हजार रुपए ले लिए। बाद में फरियादी ने लोकायुक्त में शिकायत की। इसके बाद ट्रैप बिछाया गया और जब फरियादी आठ हजार रुपए बकाया रिश्वत देने के लिए पटवारी से मिला तो लोकायुक्त टीम ने मौके पर ही उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।