Jabalpur. जबलपुर में नयागांव क्षेत्र के सरकारी स्कूल के मिड-डे मील में मेंढक का बच्चा मिलने के मामले में जांच बैठ चुकी है। हालांकि जिला पंचायत को इस मामले में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। मामले में किसी प्रकार की सख्त कार्रवाई के बजाय महज मिड-डे मील बनाने वाली संस्था आकांक्षा समग्र विकास समिति, भोजन परोसने वाली महिला और स्कूल की प्रधानाध्यापक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की प्रभारी परवीन कुरैशी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। बकौल परवीन कुरैशी प्राथमिक शाला के पास सीवर लाइन का काम चल रहा है और मिड-डे मील पहुंचाने वाला वाहन स्कूल से 100 मीटर दूर खड़ा था, जिसके चलते खीर वाला कंटेनर उतारकर स्कूल तक ले जाया गया था। उन्होंने संभावना जताई है कि स्कूल में कंटेनर रखते समय उसमें मेंढक का बच्चा गिर गया होगा।
पकी हुई खीर में मिला था मेढक का बच्चा
गौर करने वाली बात यह भी है कि पकी हुई खीर में मेढक का बच्चा मरा हुआ मिला था। तस्वीर में भी मेंढक के बच्चे की स्किन का रंग साफ दिखाई दे रहा था। यदि खीर पकाते वक्त उसमें मेंढक या कोई कीड़ा गिरा होता तो पकने के कारण उसका रंग भी डल हो जाता। दूसरी ओर जांच कर रही जिला पंचायत की अधिकारी ने आकांक्षा समग्र विकास समिति के कटंगी रोड स्थित किचन का भी निरीक्षण किया था जहां उन्हें शेड में कोई गड़बड़ी नजर नहीं आई थी।
प्रधानाध्यापक और सहायिका भी दे रहीं सफाई
इस मामले में स्कूल की प्रधानाध्यापक और सहायिका भी नोटिस दिए जाने से हतप्रभ हैं। स्कूल के शिक्षकों की मानें तो मिड-डे मील का वितरण दोपहर 1.30 बजे होता है। लेकिन उस दिन खाना समय से काफी पहले पहुंच गया था। स्कूल तक मिड-डे मील का वाहन नहीं पहुंच पाने के कारण स्कूल में कार्यरत महिला कर्मी खीर का कंटेनर लेने वाहन तक गई थी। वह खीर के गंज को बर्तन से ढंककर सिर पर रखकर लाई थी। ऐसे में बर्तन में मेंढक का गिर जाना संभव नहीं है। यह भी बताया गया कि बच्चों को खाना परोसते वक्त जब ढक्कन खोला गया तब भी उसमें मेंढक का बच्चा नहीं थी। खीर को हिलाने के बाद अंदर से मेंढक का बच्चा निकला था। यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि मामले में जांच के नाम पर अधिकारी ने महज औपचारिकता की है।