Jabalpur. जबलपुर में सालों से पटाखा व्यापारी कच्चे बिल पर व्यापार करते चले आ रहे थे। वे न तो पटाखों के निर्माता से बिल लेते हैं और न ही फुटकर विक्रेताओं को बिल देते थे। जबकि जीएसटी को लागू हुए कई साल बीत चुके हैं। छापेमार कार्रवाई में यही तथ्य सामने आए हैं कि पटाखा व्यापार नियमों के विपरीत चल रहा था और जमकर टैक्स चोरी की जा रही थी। शुक्रवार को शहर के 8 पटाखा व्यापारियों में से कई के यहां छापेमार कार्रवाई लगभग पूरी हो गई। लगभग-लगभग सभी व्यापारी टैक्स की राशि सरेंडर करने के लिए तैयार हो गए हैं।
कुछ व्यापारियों के यहां खरीद और बिक्री का लेखा जोखा जांचा जा रहा है। बता दें कि शहर में 18 अधिकारियों की टीम पटाखा व्यापारियों के अलग-अलग ठिकानों पर जांच के लिए पहुंची थी। थोक कारोबारियों के गोदामों में मिले स्टॉक का मिलान किया गया। जिसमें कई प्रकार के बड़े और छोटे पटाखे मिले हैं। पटाखा व्यापार में पटाखों की एमआरपी और असल कीमत में काफी ज्यादा अंतर पाया गया है। इन सभी तथ्यों की जांच चल रही है, जिसके आधार पर जीएसटी तय की जाएगी। पटाखों पर 18 प्रतिशत जीएसटी का प्रावधान है।
संयुक्त आयुक्त स्टेट जीएसटी आभा जैन ने बताया कि पटाखा कारोबारियों के ठिकानों पर जांच जारी है। इनमें पटाखों के स्टॉक का आंकलन किया जा रहा है। शहर के कारोबारियों ने जो माल बेचा है, उसके बिल को मिलाया जा रहा है। अभी कई व्यापारी टैक्स की राशि सरेंडर करने तैयार हो गए हैं।