Narsinghpur, Dharmesh Sharma. चंदन की बेशकीमती लड़की की तस्करी पर बनी सुपरहिट फिल्म पुष्पा तो आपने देखी ही होगी। फिल्म में किस तरह नायक जंगल से लकड़ी चोरी और तस्करी के काम को शातिराना ढंग से अंजाम देता है। ठीक उसी तर्ज पर सागौन की बेशकीमती लकड़ी की चोरी और तस्करी का मामला सामने आया है जिसमें आरोपी कोई और नहीं खुद उसी फॉरेस्ट रेंज का डिप्टी रेंजर राजेंद्र पटेल है। यह सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद वन विभाग अब आरोपी डिप्टी रेंजर से पूछताछ चल रही है।
एक घर में छिपा दी थी सागौन की सिल्लियां
जंगल के रक्षक ही जब अवैध कटाई के कारनामों को छुपाकर जब बरामद लकड़ी को छुपाने लगे तो फिर जंगल का भगवान ही मालिक है। ऐसा ही मामला बरमान वनपरिक्षेत्र की आलनपुर वीट में सामने आया है। जहां बरांझ नदी से बहाकर ले जाई जा रही 52 नग सागौन की सिल्ली को परिक्षेत्र के डिप्टी रेंजर राजेंद्र पटेल ने कर्मचारियों से पकड़वाया और एक ग्रामीण के ट्रैक्टर के जरिए उसे उसके घर रखवा दिया। मामले की भनक डीएफओ सहित अन्य वरिष्ठों को तक नहीं ली। ग्रामीण ने सोचा कि जब अधिकारी लकड़ी रखवा रहे हैं तो सबकुछ ठीक होगा। लेकिन जब डीएफओ के निर्देश पर उड़नदस्ता ने दबिश देकर लकड़ी बरामद की तो कर्मचारियों के भी होश उड़ गए।
पकड़ी गई लकड़ी की कीमत लाखों में
एसडीओ वन प्रीति अहिरवार के मार्गदर्शन में रेंजर एसके जादम, उड़नदस्ता प्रभारी आरके शर्मा ने वनरक्षक मनीष तिवारी, महेश आचार्य, अंकित पवार, नीलेश पटेल, सुरेंद्र शर्मा ने कर्मचारियों की मदद से लकड़ी की नापजोख कर पंचनामा बनाया है। संबंधितों से पूछताछ के साथ ही डिप्टी रेंजर से भी जबाब तलब किया जा रहा है कि उन्होंने सूचना क्यों नही दी। बता दें कि मौके से पकड़ी गई सागौन की 52 सिल्लियों की कीमत बाजार के रेट के मुताबिक लाखों रूपए में है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस प्रकार से डिप्टी रेंजर राजेंद्र पटेल कितनी बार लकड़ी की हेरफेर कर चुके हैं। यह तो तय है कि जांच में डिप्टी रेंजर की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।