नाबालिग को परिचित ने दिया था धोखा, जिसे भाई कहती थी; उसी ने महंत के हवाले किया

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Rahul Garhwal
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नाबालिग को परिचित ने दिया था धोखा, जिसे भाई कहती थी; उसी ने महंत के हवाले किया

Rewa. रीवा के सर्किट हाउस रेपकांड की पीड़ित को उसके परिचित ने ही धोखा दिया था। जिसे वो दादा (भाई) कहती थी उसी ने उसे महंत के हवाले कर दिया। नाबालिग ने पुलिस को पूरे घटनाक्रम की सिलसिलेवार तरीके से जानकारी दी। विनोद पांडे ने पीड़ित को फोन करके कॉलेज का काम कराने की बात कहकर रीवा बुलाया था। नाबालिग सतना से रीवा पहुंची तो वहां से उसे सर्किट हाउस ले जाया गया। जहां दरिंदगी की कहानी लिखी गई।



परिचित ने फोन लगाकर रीवा बुलाया



पीड़ित 17 साल की है और वो सतना के उमरी गांव की रहने वाली है। 28 मार्च को सुबह 10 बजे पीड़ित के पास उसके परिचित विनोद पांडे का फोन आया था। उसने कॉलेज की फीस जमा कराने के बहाने से पीड़ित को रीवा बुलाया। विनोद पांडे ने पीड़ित को सैनिक स्कूल के पास बुलाया। वहां से एक युवक कार से उसे सर्किट हाउस ले जाया गया।



सर्किट हाउस में महंत से मुलाकात कराई



सर्किट हाउस में विनोद पांडे पहले से मौजूद था। उसने पीड़ित से कहा कि एक संत से मुलाकात कर लो। उसके बाद तुम्हारे कॉलेज का काम करा दूंगा। करीब आधे घंटे बाद महंत सीताराम दास उर्फ समर्थ त्रिपाठी सर्किट हाउस में आया। सबसे पहले महंत ने शराब के इंतजाम के बारे में पूछा। पीड़ित उनकी बातें सुनकर डर गई और जाने के लिए कहा। विनोद पांडे ने कहा कि रात होने वाली है कहां जाओगी। संत महाराज को खुश कर दो।



दबाव में नाबालिग ने अपनी दीदी से झूठ बोला 



सर्किट हाउस में महंत सीतारामदास और उसके चेलों की शराब की पार्टी शुरू हो गई। नाबालिग के पास उसकी बड़ी बहन का फोन आया। विनोद पांडे ने नाबालिग पर दबाव बनाकर झूठ बोलने को कहा। पीड़ित ने डर की वजह से दीदी से कह दिया कि उसके कॉलेज का काम नहीं हुआ है। वो घर नहीं आ पाएगी। हॉस्टल में एक सहेली के पास रुक गई है।



पीड़ित के परिचित विनोद पांडे ने की मारपीट



विनोद पांडे ने नाबालिग को जबरदस्ती शराब पिलाई और किस करने की कोशिश की। जब पीड़ित भागने लगी तो उसे थप्पड़ मारे गए। उसके साथ मारपीट की गई। पीड़ित के परिचित ने कहा, संत की सेवा तो करनी ही पड़ेगी; अब कहां जाएगी। विनोद पांडे, संत का चेला और मोनू कमरे से बाहर निकल गए और दरवाजा लॉक कर दिया।



महंत सीतारामदास ने किया रेप



महंत सीतारामदास ने कमरे की लाइट बंद करने के बाद पहले तो उसने गुजारिश की, इसके बाद पीड़ित नहीं मानी तो जबरदस्ती की। पीड़ित का रेप करने के बाद महंत ने उसे धमकी दी। महंत ने कहा- 'मेरे बब्बा अयोध्या मंदिर के अध्यक्ष हैं। अगर किसी को बताया तो तेरे मां-बाप और पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा, मेरा कुछ नहीं कर पाएगी।'



दोस्त की मदद से थाने पहुंची नाबालिग



रेप के बाद नाबालिग को महंत ने जबरदस्ती खाना खिलाने की कोशिश की। महंत ने कहा कि पीड़ित को किसी होटल में छोड़ दिया जाए। इसके बाद मोनू नाबालिग को कार में बैठाकर किसी होटल में छोड़ने के लिए निकला। पीड़ित ने रास्ते में कार रुकवाई और भाग निकली। महाराज होटल के पास नाबालिग को उसका एक दोस्त मिला। पीड़ित ने उन्हें बताया कि एक कार वाला उसका पीछा कर रहा है। वे उसे सीधे सिविल लाइन थाने ले गए। नाबालिग ने डर की वजह से रात में पुलिस को कुछ नहीं बताया। सुबह FIR दर्ज कराई गई।


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