Seoni, Vinod Yadav. सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व के खवासा बफर क्षेत्र में इन दिनों पर्यटकों के बीच दुर्लभ प्रजाति का काला तेंदुआ आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दरअसल यह काला तेंदुआ कई बार जंगल सफ़ारी के दौरान आसानी से नजर आ रहा है। सफारी के दौरान इस काले तेंदुए को पर्यटको के वाहनों के सामने से गुजरता देखा गया है। यह खबर सुनते ही जंगल प्रेमियों और पेंच में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा देखा जा रहा है। सभी पेंच के नए मेहमान नन्हें बघीरा को देखने बेताब हैं।
देखने को मिल रहे जंगल बुक के तमाम किरदार
बता दें कि मानसून शुरू होने के बाद पेंच टाइगर रिजर्व के कोर एरिये में पर्यटन बंद कर दिया गया है, लेकिन बफर क्षेत्र बफर में सफर योजना अंतर्गत पर्यटन अभी भी जारी है और पेंच टाइगर रिजर्व के खवासा बफर क्षेत्र में सफारी का आनंद उठाने वाले पर्यटकों को इस काले तेंदुए के दीदार हो रहे है। इसके अलावा पर्यटक पेंच में मोगली की कहानी जंगल बुक के अन्य किरदार भालू, भेड़िया और शेर खान को भी आसानी से देख पा रहे हैं।
जेनेटिक चेंज के कारण होते हैं काले तेंदुए, भाइयों का रंग है नॉर्मल
पेंच टाइगर रिजर्व के प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर बीपी तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व को मोगली का घर कहा जाता है और पेंच टाइगर रिजर्व में मोगली का दोस्त बघीरा और उसके परिवार के सदस्य भेड़िए मौजूद है। तिवारी ने बताया कि जिस मादा ने इस काले शावक को जन्म दिया है उसने इसके साथ दो और शावक भी जन्मे थे लेकिन उनका रंग नॉर्मल है। उन्होंने बताया कि कई बार जेनेटिक चेंज के कारण हजारों तेंदुओं में एक तेंदुआ काले रंग का निकलता है और प्रदेश के तमाम नेशनल पार्क और अभ्यारण्यों में केवल पेंच नेशनल पार्क में ही वर्तमान में काला तेंदुआ आसानी से देखा जा रहा है।