/sootr/media/post_banners/de0dc9236d74f5e96c6c33f448a44ce8fd9f06830cb6c5b053a988a66a92cb40.jpeg)
संजय गुप्ता, Indore. नोटबंदी की घोषणा के बाद 9 नवंबर से 31 दिसंबर 2016 के बीच जिन लोगों ने 500 और 1000 के नोटों को बैंकों में जमा कराने के मामले में एक बार फिर आयकर विभाग सक्रिय हो गया है। इंदौर रीजन में एक हजार से ज्यादा लोगों को आयकर एक्ट की धारा 148 के तहत पत्र जारी कर करदाताओं से इस मामले में दो सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस पत्र में करदाताओं द्वारा जमा कराए गए नोटों का पूरा हिसाब दिया गया है कि बैंक में नोटबंदी से पहले कितनी राशि जमा कराई जाती थी और नोटबंदी के बाद करदाता ने कितनी राशि जमा कराई है। करदाता के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर आयकर विभाग द्वारा फिर धारा 148 ए के तहत वैधानिक कार्रवाई कर टैक्स डिमांड की जाएगी।
डिमांड की प्रक्रिया
प्रिंसीपल कमिशनर शशि भूषण प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत ही करदाताओं को पत्र जारी किए गए हैं. इसमें कुछ करदाताओं को नोटबंदी में जमा राशि को लेकर भी पत्र जारी हुए हैं। टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के सचिव सीए अभय शर्मा ने कहा कि आयकर एक्ट की धारा 148 में हुए बदलाव के बाद अब 50 लाख से ज्यादा की टैक्स चोरी में दस साल पहले के मामले खोले जा सकते हैं, इससे कम राशि में केवल तीन साल के मामले ही खोले जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 148 में जारी हुए नोटिस को लेकर आयकर विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि वह धारा 148 की नई धारा के तहत पूरी औपचारिकता जारी कर नोटिस जारी करें, इसी तहत आयकर विभाग ने यह पत्र जारी कर करदाताओं से दो सप्ताह में जवाब मांगा है, इसमें कई मामले नोटबंदी को लेकर भी हैं। करदाताओं का समय पर जवाब देना जरूरी है, नहीं तो विभाग टैक्स डिमांड की प्रक्रिया करेगा।