सिंधिया कोटे के मंत्रियों की अफसरों से बढ़ती अदावत, क्या खत्म हो रहा है महाराज का शिवराज पर दवाब

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Arun Dixit
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सिंधिया कोटे के मंत्रियों की अफसरों से बढ़ती अदावत, क्या खत्म हो रहा है महाराज का शिवराज पर दवाब


भोपाल: प्रदेश में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के चलते सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे के मंत्रियों की अफसरों से बढ़ती नाराजगी बहुत कुछ इशारा कर रही है। पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का खुलेआम ये कहना है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस निरंकुश हैं और राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह यादव का भ्रष्टाचार को लेकर कमिश्नर सहकारिता को पत्र लिखना यही दिखाता है कि सिंधिया गुट के मंत्री खुद को अफसशाही के आगे लाचार महसूस कर रहे हैं। सियासी गलियारों में अब ये चर्चा चल पड़ी है कि क्या महाराज का दबाव अब शिवराज पर नहीं रहा है। 



सिंधिया कोटे के मंत्री की नहीं सुनते अफसर



सिंधिया के खास समर्थकों में शुमार पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की पीड़ा ये है कि उनको शिवपुरी के एसपी ने तवज्जो नहीं दी। शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री होने के नाते भी एसपी ने टीआई के तबादलों के बारे में उनसे नहीं पूछा। यही कारण है कि उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को बेलगाम बताते हुए सीएस को निरंकुश करार दे दिया। इतना ही नहीं एसपी पर कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टर को लिखित में निर्देश दे दिए। उन्होंने इसकी कॉपी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पीए और एसीएस होम को तो भेजी लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को नहीं भेजी। इससे स्पष्ट है कि सिसोदिया इन सब बातों से बहुत आहत और  नाराज हैं। 

 

एक मंत्री ने कमिश्नर से की भ्रष्टाचार की शिकायत 





सिंधिया गुट के दूसरे राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह यादव का पत्र भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।  यादव ने ये पत्र कमिश्नर,सहकारिता को लिखा है। उन्होंने लिखा है कि अशोक नगर के उप अंकेक्षण अधिकारी अभिषेक जैन ने अवैध नियुक्तियां की हैं। इन नियुक्तियों को निरस्त किया जाए और जैन पर कार्यवाही की जाए। 



सिंधिया और शिवराज खेमे में बटी बीजेपी 



बीजेपी अब घोषित तौर पर गुटों में बटी नजर आ रही है। खासतौर पर शिवराज और सिंधिया गुट के बीच अघोषित प्रेशर पॉलिटिक्स चल रही है। ये हुआ है सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद। इसका भी उदाहरण सामने है। ग्वालियर ग्रामीण में बीजेपी के एससी मोर्चा की कुछ नियुक्तियां हुईं। इस मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामगोपाल मिलन ने बाकायदा पत्र जारी किया जिसमें लिखा कि सिंधिया खेमे की इमरती देवी की सहमति से ये नियुक्तियां की गई हैं। इस मामले में सिंधिया खेमे के मंत्री तुलसी सिलावट कहते हैं कि हम सब एक हैं और कहीं कोई अलग खेमा नहीं है। 



वीडी शर्मा बोले- मंत्री सिसोदिया से बात करूंगा 



इस बारे में बीजेपी नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जाहिर है मामला शिवराज और सिंधिया दो पॉवर सेंटर से जुड़ा हुआ है। जब द सूत्र ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मंत्री सिसोदिया के बयान के बारे में पूछा तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे इस बारे में मंत्री सिसोदिया से बात करेंगे कि आखिर उन्होंने ब्यूरोक्रेसी के बारे में इस तरह की बातें क्यों की हैं। 



बीजेपी नेताओं को रास नहीं आ रहा सिंधिया का दबाव



मामला सिर्फ इतना ही नहीं है। सिंधिया के पार्टी पर अतिरिक्त दबाव को लेकर बीजेपी नेता भी आपत्ति जताते रहे हैं। गुना सांसद केपी यादव का एक पत्र भी पिछले दिनों वायरल हो चुका है। इस पत्र में उन्होंने लिखा था कि सिंधिया का बीजेपी पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है। जाहिर है नेता चाहते हैं कि पार्टी सिंधिया दबाव से मुक्त हो। तो यहां पर सवाल यह उठता है कि कहीं ये सब घटनाक्रम बीजेपी को सिंधिया के दबाव से मुक्त करने की सोची समझी प्रक्रिया का हिस्सा तो नहीं है।


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