KATNI. कटनी शहर की जनता ने नगर निगम में महापौर पद पर निर्दलीय प्रत्याशी प्रीती सूरी को जरूर बैठा दिया है लेकिन नगर निगम सदन में बीजेपी को बहुमत हासिल हुआ है। बीजेपी ने 45 वार्डों में से 27 पर कब्जा करते हुए मेजोरटी हासिल की है लिहाजा नगर निगम अध्यक्ष बीजेपी का ही बनेगा। दूसरी तरफ बीजेपी में पुनः वापसी के सवाल पर प्रीती सूरी ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि इतनी बड़ी पार्टी मुझे निमंत्रण क्यों देगी? लेकिन इस कटाक्ष में भी कई सारे इशारे दिखाई दे गए हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस ने कटनी के 15 वार्डों में जीत हासिल कर ली है और 3 वार्ड में निर्दलीय उम्मीदवार पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं।
प्रीति सूरी की सियासी ताकत इसी बात से साफ होती है कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी यहां बीजेपी उम्मीदवार ज्योति दीक्षित के पक्ष में एड़ी चोटी का जोर लगा रहे थे। दूसरी तरफ पूर्व मंत्री संजय पाठक ने इलाके में अपने दबदबे के चलते ज्याति को जिताने की गारंटी ली थी। इसी गारंटी के कारण संगठन ने ज्योति को टिकट दिया था। हालांकि कटनी की नव निर्वाचित महापौर प्रीति सूरी हर चुनौती का सामना करते हुए मेयर की कुर्सी अपने नाम करने में कामयाब रहीं।
2 बार पार्षद रही हैं प्रीति
कटनी से प्रीति सूरी बीजेपी की महामंत्री रह चुकी हैं। 2009 वे पहली बार महारानी लक्ष्मी बाई वार्ड से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर पार्षद बनी। इस दौरान वे MIC (मेयर इन काउंसिल) की सदस्य भी बनीं। इसके बाद 2014 में वे फिर पार्षद बनीं।
6 साल के लिए हुईं थी निलंबित
प्रीति सूरी ने बीजेपी से कटनी से महापौर का टिकट मांगा था, हालांकि जब यह टिकट ज्योति को दे दिया गया। तब प्रीति ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोकी। पहले बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने उन्हें मनाने का बेहद प्रयास किया, लेकिन प्रीति ने कदम पीछे खीचने से इंकार कर दिया। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें और उनके पति संजय सूरी को 6 साल के लिए निलंबित कर दिया।
इसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर प्रीति सूरी ने बीजेपी की ज्याति दीक्षित को पांच हजार से ज्यादा वोटों से हराकर मेयर पद अपने नाम कर लिया।