BHOPAL: द्रौपदी मुर्मू देश की 15 वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। उनकी जीत तय थी, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में राज्यों से जमकर क्रॉस वोटिंग हुई। यदि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को साथ देते तो उन्हें 4 लाख 38 हजार वोट मिलते, ना कि 3 लाख 80 हजार। मध्य प्रदेश में तो क्रॉस वोटिंग की संभावना पहले ही जताई गई थी, जिसे प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सिरे से खारिज कर दिया था। लेकिन कमलनाथ का विधायकों पर भरोसा गलत साबित हुआ और क्रॉस वोटिंग हो गई। चुनाव से पहले कांग्रेस ने बीजेपी पर हार्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। अब सवाल ये है कि प्रेसिडेंट इलेक्शन में हार्स ट्रेडिंग हुई है या फिर वाकई में विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज सुनी है। हमने इसकी पड़ताल करने की कोशिश की।
वीडियो देखें
कांग्रेस का क्रॉस कनेक्शन
देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू चुन ली गई हैं। उन्हें 64% के साथ 6 लाख 76 हजार 803 वैल्यू के वोट मिले। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 36% के साथ 3 लाख 80 हजार 177 मूल्य के वोट मिले। विपक्षी दलों के 17 सांसदों और 126 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इसमें मप्र के 17 विधायक भी शामिल हैं। जानते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में 230 विधायकों में से किसे कितने वोट मिले।
किसको कितने वोट
- मुर्मू को 64 फीसदी के साथ 6 लाख 76 हजार 803 वैल्यू के वोट मिले।
एमपी से किसको कितने वोट
- द्रौपदी मुर्मू- 146 वोट
ये है मप्र विधानसभा की दलीय स्थिति
- बीजेपी-127
अंतरात्मा की आवाज या हॉर्स ट्रेडिंग
इस तरह से देखें तो यशवंत सिन्हा के 96 वोट पक्के थे, उन्हें मिले 79 यानी 17 वोट कम मिले। एक सचिन बिड़ला को छोड़ दें तो कांग्रेस के 16 वोट मिलने थे। 5 निरस्त भी कांग्रेस के ही खाते में माने जाएं तो भी 11 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। अब बीजेपी नेता कह रहे हैं कि विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज सुनी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन विधायकों का आभार और बधाई जिन्होंने अंतरात्मा की आवाज सुनकर द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया।
बीजेपी नेता तो अंतरात्मा की आवाज बता रहे हैं, लेकिन वोटिंग से पहले कांग्रेस ने साफ आरोप लगाया था कि बीजेपी क्रॉस वोटिंग के लिए 1 करोड़ का ऑफर दे रही है। खासतौर पर आदिवासी विधायकों में उमंग सिंघार और पांचीलाल मेड़ा ने ऑफर मिलने बात स्वीकारी थी। अब कांग्रेस के अंदर घमसान मचा हुआ है। नतीजा आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन बीजेपी ने हमले शुरू कर दिए हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि विधायकों पर कांग्रेस का कंट्रोल बचा नहीं है।
अब क्रॉस वोटिंग से कई सवाल
- पहला- क्या वाकई में कांग्रेस विधायकों को पार्टी लाइन पर भरोसा नहीं?
कांग्रेस तलाश रही कमजोर कड़ी
कांग्रेस के नेता चुप्पी साधे हुए हैं। भलाई उसी में है, क्योंकि दगाबाजी तो हुई है। अब कांग्रेस ने खुफिया तरीके उन विधायकों की तलाश शुरू कर दी है, जिन्होंने दगा दिया। मगर ये पता लगाना बेहद मुश्किल ही है। ये तब पता चलेगा, जब विधानसभा चुनाव 2023 से पहले पाला बदलने का खेल शुरू होगा। कांग्रेस के आदिवासी विधायक पांचीलाल मेड़ा कहते हैं कि कांग्रेस को पार्टी के साथ धोखा करने वाले विधायकों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।