ललित उपमन्यु, इंदौर. नए वित्तीय वर्ष में शराब के ठेकों की शुरुआत होते ही विवादों की शुरुआत भी हो गई है। खासकर दुकानों की लोकेशन को लेकर। 1 अप्रैल को पालदा क्षेत्र में महिलाओं ने एक शराब दुकान खुलने के खिलाफ मोर्चा संभाला था, वहीं 2 अप्रैल को पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने अपनी विधानसभा के सबसे पॉश इलाके में एक स्कूल के सामने खुली शराब दुकान के खिलाफ विरोध का शंख फूंक दिया। वे क्रेन लेकर पहुंच गए। उनका कहना था कि यदि प्रशासन दुकान नहीं हटाएगा तो हम क्रेन से हटा देंगे।
पटवारी ने ये भी कहा कि सरकार ने शराब की दुकान के साथ उपदुकान भी खोल दी। प्रदेश की जनता ने आपको इसलिए नहीं चुना। pic.twitter.com/hWb7ykACKN
— TheSootr (@TheSootr) April 2, 2022
स्कूल और शराब दुकान काफी नजदीक
शराब दुकान स्कीम नंबर 140 में बने अग्रवाल पब्लिक स्कूल के सामने खुली है। जैसे ही एक अप्रैल को दुकान खुली, विरोध शुरू हो गया। लोगों का कहना था कि स्कूल और शराब दुकान के बीच की दूरी बमुश्किल 100 मीटर है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि स्कूलों से कम से कम 200 मीटर के दायरे में शराब दुकान ना खोली जाए। रहवासियों, स्कूल प्रबंधन और यहां पढ़ने वाले बच्चों के पालकों ने भी दुकान के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया।
मामले ने तब और तूल पकड़ लिया, जब रहवासी शिकायतों के इतर सड़क पर भी उतर आए। उनका साथ देने के लिए क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी भी मौके पर पहुंच गए। मौके पर ही क्रेन भी खड़ी कर दी गई। विरोध करने वालों का कहना था कि यदि प्रशासन दुकान नहीं हटाता है तो क्रेन से हटवा दी जाएगी।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
शराब दुकान मामले के तूल पकड़ते ही प्रशासन भी हरकत में आया। शिकायत मिलते ही कलेक्टर मनीष सिंह ने सहायक आबकारी आयुक्त राजनारायण सोनी को मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
पटवारी की सरकार से दो टूक
जीतू पटवारी ने कहा- एक पूर्व मुख्यमंत्री (उमा भारती) जिसने पूरे मन से प्रदेश की सेवा की। शिवराज जी, आपको शर्म आनी चाहिए। जब कमलनाथ जी की सरकार थी, तब आपने (शिवराज सिंह चौहान) ने कहा था कि कमलनाथ प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाना चाहते हैं। इसे द्वेषभाव से ना लें। आपका 3 लाख करोड़ का बजट है। उसमें 8 हजार करोड़ की आय का प्रोविजन आपने शराब से कर रखा है। 3 लाख करोड़ के बजट में 8 हजार करोड़ ऊंट के मुंह में जीरे की तरह है तो इस प्रदेश पर अन्याय नहीं कीजिए। आपके चेहरे, आपकी बातों, आपके भावों में पाखंड दिखता है। आपने शराब की 3500 से 7 हजार दुकानें कर दीं। हम लोगों को अभी तक यही पता था, पर आपने उपदुकानें खोल दीं। यानी एक दुकान के साथ उपदुकान भी होगी। मुख्यमंत्री जी, प्रदेश की जनता ने आपको इसलिए नहीं चुना।
आज चैत्र प्रतिपदा के दिन पूजा करते वक्त ये जरूर सोचें कि आप प्रदेश के बेटी-बेटियों को रोजगार दे रहे हैं या नशा। आप माफिया पर बुल्डोजर चलाने की बात करते हैं, मेरा इंदौर का ड्रग्स का अड्डा बन गया है। सबसे ज्यादा ड्रग्स इंदौर में ही बिक रही है। शराब आपने ओपन कर दी, इससे आपकी नीयत का पता चलता है। जो उमा जी कहा कि मुझे शिवराज जी पर शर्म आती है तो मुख्यमंत्री जी, इतने बेशर्म नहीं होइए।
हमारा आग्रह है कि शराब की जितनी दुकानें-उपदुकानें खुली हैं, उन्हें प्रस्ताव पास कर वापस लें। मैं इसे कांग्रेस के दुराभाव में नहीं फंसाना चाहता। ये प्रदेश की जनता का एक भाव है। शिवराज जी, शराब कितनी कम हो, हमारे बच्चे इससे कैसे बचें, आप इसके लिए काम करें। तो शिवराज जी, आपका चेहरा जितना भोला दिखता है, सूरत उतनी विकृत दिखती है, तो कृपा करें।
मध्य प्रदेश में शराबबंदी मुद्दा
प्रदेश में इस समय शराबबंदी मुद्दे को उमा भारती ने हवा दी हुई है। 13 मार्च को उमा ने भोपाल में एक शराब दुकान में पत्थर चलाकर बोतल फोड़ दी। इसके एक दिन बाद उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने सफाई दी कि मैं भी एक महिला हूं और रोती हुई महिलाओं के सम्मान में मैंने शराब की बोतलों पर पत्थर चलाया था।
1) बरखेड़ा पठानी आझाद नगर, बीएचईएल भोपाल , यहाँ मज़दूरों की बस्ती में शराब की दुकानों की शृंखला हैं जो की एक बड़े आहाता में लोगों को शराब परोसते हैं । pic.twitter.com/dNAXrh1jRY
— Uma Bharti (@umasribharti) March 13, 2022