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INDORE. इंदौर जिला कोर्ट (Indore District Court) ने छेड़छाड़ और शोषण (पॉक्सो एक्ट) के केस में सुनवाई की। इसमें लड़की ने क्लास नौवीं में जाने पर घटना होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस ने चालान पेश किया, इसमें बताया गया कि स्कूल ही आठवीं क्लास तक का है। कोर्ट ने माना कि लड़की ने गलत शिकायत दर्ज कराई थी। इस तरह स्कूल की क्लास के आधार पर ही रिपोर्ट गलत साबित हो गई और आरोपी को दोषमुक्त कर दिया गया
यह है मामला
आरोपी के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे और ईश्वर कुमार प्रजापति ने बताया कि नौ अप्रैल 2017 में 15 साल की नाबालिग लड़की (minor girl) ने थाना सराफा में पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था। बयान में पुलिस को बताया था कि सराफा बाजार (bullion market) में साड़ी की दुकान पर साड़ी खरीदते समय आरोपी ने युवती का नाम पता पूछ कर पहचान कर ली थी और बाद में युवती जब अपने स्कूल नौवीं कक्षा में पढ़ने जाती थी, तभी रास्ते में मिला और परेशान किया। साड़ी की दुकान पर भी जाने पर परेशान करने लगा। बाद में आरोपी जेल गया और कुछ दिन बाद जमानत मिली। पुलिस ने मामले की जांच की, इसमें युवती और इसके परिजन, स्कूल संचालक आदि के बयान लिए गए। इसमें पता चला कि लड़की के मुंहबोले मामा के कहने पर आरोपी पर केस दर्ज कराया था क्योंकि वह मामी की एक केस में मदद कर रहा था। साथ ही स्कूल भी आठवीं तक निकला। लड़की ने आठवीं तक ही पढ़कर स्कूल छोड़ दिया था।
कोर्ट ने ये कहा
विशेष न्यायाधीश पावस श्रीवासत्व (Special Judge Pavas Srivastava) ने फैसले में कहा कि पीड़िता ने प्रतिपरीक्षण में मान लिया है कि उसने अप्रैल 2016 तक वहां आठवीं तक पढ़ाई की और स्कूल छोड़ दिया। घटना एक साल बाद की बताई गई है। इसलिए यह मानना उचित नहीं है कि क्लास नौंवी की पढ़ाई के लिए स्कूल जाते समय पीड़िता के साथ छेड़छाड़ (molestation) हुई है।