INDORE. इंदौर-खंडवा रोड पर चलने वाली बस के भेरूघाट से 50 फीट नीचे बस गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई और 17 घायल हो गए। मौतों के बाद सरकार ने हर बार की तरह मुआवजे का ऐलान कर दिया। मंत्री से लेकर महापौर पद के प्रत्याशी और अधिकारी भी घटनास्थल से लेकर अस्पताल तक का दौरा कर आए, लेकिन कोई भी इन मौतों की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
जिस दिन एक्सीडेंट, उसी दिन भरी लाइसेंस फीस
बस गौरव सोनकर की है, जो कांग्रेस की पूर्व पार्षद हेमलता सोनकर और सरवटे बस स्टेंड पर 2012 में दिन दहाड़े एक बस ड्राइवर की हत्या के आरोपी रहे गुलाब सोनकर का बेटा है। हेमलता का तीन दिन पहले ही निधन हुआ है। द सूत्र के पास मौजूद दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि इस बस की लाइसेंस फीस 1 लाख 79 हजार 208 रुपए, एक्सीडेंट वाले दिन गुरुवार (23 जून) को ही भरी गई। बताया जा रहा है कि जैसे ही बस (नंबर एमपी 09 एफए 3676) मालिक को इस एक्सीडेंट की खबर मिली, ये फीस तुरंत ऑनलाइन जमा करा दी गई।
ये बोले RTO
आरटीओ जितेंद्र रघुवंशी बताते हैं कि बस का फिटनेस सर्टिफिकेट 16 जून को ही खत्म हो गया है। जब द सूत्र ने उनसे सवाल किया कि फिर आरटीओ विभाग क्या जांच कर रहा था, तब रघुवंशी ने कहा कि यह बस मालिक की जिम्मेदारी है, वह समय पर फिटनेस सर्टिफिकेट लें, हम तो रेंडम जांच करते ही रहते हैं, वैसे भी चुनाव ड्यूटी में लगे हुए हैं। इस मामले में बस मालिक और चालक पर भी कार्रवाई हो रही है।
बस मालिक का तर्क
वहीं, गौरव सोनकर ने कहा कि मैं यात्रियों की पूरी मदद कर रहा हूं और घायलों की मदद के लि गाडियां भी मैंने पहुंचाई यात्रियों की मदद के लिए। जब उनसे पूछा गया कि लाइसेंस फीस आज ही भरी, फिटनेस भी नहीं था तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि हमने सभी दस्तावेज आरटीओ में जमा किए हुए हैं, मेरी मां का निधन तीन दिन पहले ही हुआ है. तो हम वैसे ही बस नहीं चला रहे थे, आज ही शुरू की थी। हमारी गाड़ी के आगे एक पिकअप वाहन था, उसके अचानक रुकने या स्पीड कम होने से बस ने साइड से निकालने की कोशिश की, बारिश भी हो रही थी, इस कारण बस घाट से नीचे उतर गई।