योगेश राठौर, INDORE. एक कंपनी से दूसरी कंपनी में मजदूरों को शिफ्ट करने को लेकर विवाद हो गया। नाराज कर्मचारी दूसरी जगह नहीं जाना चाहते। इसी के चलते कंपनी के बाहर ही सात कर्मचारियों ने जहर खा लिया। एमवाय अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
यह है पूरा मामला
परदेशीपुरा इलाके में राजकुमार मंडी के पास अजमेरा वायर प्रोडक्ट पर 1 सितंबर की दोपहर हंगामा हो गया। यह कंपनी रवि बाफना की है। कंपनी में काम करने वाले जमुनाधर विश्वकर्मा, देवीलाल करेड़िया, शेखर वर्मा, रवि करेडिया, जितेंद्र धामनिया, राजेश मेमोनिया और दीपक सिंह ने कंपनी के बाहर जहर खा लिया। इस घटना के चलते अफरा-तफरी मच गई। सभी मजदूरों को एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे। जानकारी मिलने पर परदेशीपुरा पुलिस भी एमवाय अस्पताल पहुंची।
जांच में ये आया सामने
जांचकर्ता एसआई अजय कुशवाहा ने बताया कि सभी मजदूरों को कुछ महीने से वेतन नहीं मिल रहा था। कंपनी मालिक ने बताया था कि इस कंपनी में अभी काम नहीं है। बाणगंगा इलाके में एमआर 10 पर आयशर के पार्ट्स बनाने की एक कंपनी में इन्हें शिफ्ट किया जा रहा था। यहां जाने के लिए मजदूर तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि यह कंपनी उनके घर से काफी दूर है। ऐसे में पेट्रोल और अन्य खर्च ज्यादा लगेंगे। इसी को लेकर विवाद चल रहा था। फिलहाल सभी की हालत ठीक है। इनके बयान लिए जा रहे हैं। जांच के बाद कार्रवाई होगी।
फैक्ट्री मालिक ने आरोपियों पर तोड़फोड़ के आरोप लगाए
फैक्ट्री मालिक रवि ने पुलिस को बताया कि उनकी कंपनी में मॉडलर किचन में लगने वाली ट्रे बनाई जाती है। 2 दिन पहले सभी मजदूरों को दूसरी कंपनी में शिफ्ट करने के लिए बता दिया था। सभी इसके लिए तैयार भी थे। गुरुवार को अचानक यह मजदूर कंपनी पर पहुंचे उन्होंने सुपरवाइजर से मारपीट की और फैक्ट्री में तोड़फोड़ भी की। बाद में उन्होंने बताया कि सभी ने जहर खा लिया है।
परिजन का आरोप
पुलिस के अनुसार सभी की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, मरीजों के परिजनों का कहना है कि कंपनी मालिक ने नई कंपनी खोली है और निकाले गए कर्मचारियों को उस नई कंपनी में काम देने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। दबाव में इन्होंने यह कदम उठाया।