इंदौर. यहां 19 अक्टूबर रात एक IAS अफसर के बेटे सार्थक विजयवत ने फांसी (Suicide) लगाई थी। पता लगा है कि घटना के वक्त सार्थक घर पर अकेला (Alone) था, छोटा भाई वात्सल्य कोचिंग गया था। मां अहमदाबाद (Ahmedabad) में थीं और पिता ऑफिस गए थे। घटना के वक्त घर का डॉगी काफी देर तक भौंकता रहा, लेकिन पड़ोसियों का ध्यान नहीं गया। सार्थक के पिता विजित कुमार विजयवत नर्मदा वैली डेवलपमेंट अथॉरिटी (NVDA) में हैं। सार्थक खडग़पुर से आईआईटी कर रहा था। कुछ दिनों पहले ही इंदौर आया था।
पुलिस के सायरन से पता लगा
पड़ोसियों के मुताबिक, घटना रात 11:00 बजे के करीब की है। कॉलोनी के अंदर एंबुलेंस और पुलिस के सायरन की आवाज सुनाई दी। आसपास में रहने वाले लोगों ने घर से बाहर जाकर देखा, तो सार्थक के घर के बाहर भीड़ थी। कुछ देर बाद पता लगा कि सार्थक ने घर के पीछे बनी बालकनी में फांसी लगा ली।
रहवासियों ने यह भी बताया कि 2 साल पहले विजित अपने परिवार के साथ NVDA कॉलोनी में रहने आए थे। परिवार का आस-पड़ोस में ज्यादा मेलजोल नहीं था। दोनों भाई सिर्फ पढ़ाई में ही लगे रहते थे।
सुसाइड नोट में कई बातें लिखी
सार्थक ने अंग्रेजी में सुसाइड नोट लिखा। कहा कि कई उम्मीदों से JEE की तैयारी की थी। सोचा था कैम्पस एन्जॉय करूंगा, लेकिन ऑनलाइन असाइनमेंट के चक्कर में फंस गया। पापा जिद्दी हैं और मम्मी मजबूर…। उन्हें मुझसे और छोटे भाई वात्सल्य के साथ भी ऐसी बात करनी चाहिए थी, जैसी बात वे अपने भाई और बहनों के साथ करते हैं।
पिता के बारे में लिखा- काश! आप हमारे साथ और वक्त बिताते। देवेंद्र काका जैसी समझ आपमें होती। हालांकि सार्थक ने किसी पर आरोप नहीं लगाया और ना ही किसी को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। जानकारी के मुताबिक, कैम्पस सिलेक्शन को लेकर भी वह डिप्रेशन (Depression) में था। वह इंदौर में अपने परिवार के साथ ही रहना चाहता था, लेकिन पढ़ाई के चलते उसे बाहर जाना पड़ा। उसकी मौत का कारण अकेलापन तो था ही, पढ़ाई को लेकर पिता का दबाव भी नजर आया।