संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में दुकान पर लगाए गए 3 फिट से ज्यादा के ऊंचे बोर्ड, होर्डिंग्स को लेकर नगर निगम ने हजारों व्यापारियों को टैक्स नोटिस जारी किया है। इससे व्यापारियों में निगम के खिलाफ आक्रोश है। टैक्स नोटिस को लेकर विवाद बढता जा रहा है। व्यापारियों के बाद कांग्रेस ने भी सरकार और निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने इसको लेकर शहर में हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे खुलकर निगम के विरोध में आ गए हैं। उधर राउ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने इसे तुगलकी आदेश बताते हुए वापस लेने की मांग की है। उन्होंने सीएम को पत्र लिखा है।
यह लिखा है पत्र में
पत्र में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने निगम के आदेश को तुगलकी बताते हुए तत्काल निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि सीएम शिवराज के शहर इंदौर का नगर निगम दिवाली के पहले शहर के व्यापारियों पर नया बोझ डाल रहा है। संपत्ति कर, जलकर, स्वच्छता कर, लाइसेंस रजिस्ट्रेशन, पार्किंग शुल्क जैसे 10 टैक्स के बाद अब व्यापारियों को खुद की दुकान पर तीन फीट से ऊंचा बोर्ड लगाने के लिए भी टैक्स भरना होगा। इसके लिए हर तीन साल में 11 हजार 800 रुपए देकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिस एरिया में दुकान है, वहां प्रॉपर्टी की कलेक्टर गाइडलाइन का 4% प्रति वर्गफीट सालाना शुल्क अलग देना होगा।
दावा तो किया था कोई नया टैक्स नहीं होगा
पत्र में कहा गया है कि नगर निगम ने इस बार के सालाना बजट में दावा किया था कि जनता पर किसी तरह का नया टैक्स का बोझ नहीं दिया जाएगा, लेकिन अब राजस्व बढ़ाने के लिए 2017 के एक आदेश का हवाला देते हुए सैकड़ों व्यापारियों को विज्ञापन अधिनियम के तहत टैक्स वसूली के नोटिस जारी किए गए हैं।
नगर निगम दिखा रहा हठधर्मिता
पटवारी ने आगे कहा कि व्यापारी लगातार विरोध कर रहे हैं, आंदोलन कर रहे हैं, इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नगर निगम प्रशासन लगातार हठधर्मिता के साथ नए-नए कुतर्क भी दे रहा है। एमपी कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने कहा की “आज हालत यह है कि लाखों व्यापारी कर्ज और नुकसान के कारण अपना पुश्तैनी व्यापार बदलने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने आगे कहा कि व्यापारियों को राहत नहीं मिलती है तो व्यापारियों के साथ निर्णायक आंदोलन के लिए मजबूर होना होगा।
महापौर से बस यही राहत कि दिवाली तक वसूली नहीं होगी
व्यापारी लगातार निगम से बात कर रहे हैं, महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ भी बैठक हुई थी लेकिन महापौर की ओर से यही बात कही गई है कि जो नियम से होगा वही लिया जाएगा और दिवाली तक किसी तरह की वसूली नहीं होगी। व्यापारियों की चिंता यह है कि बिना बोर्ड के वह अपनी दुकान का प्रचार कैसे करेंगे। वहीं निगम का केवल यही तर्क है कि तीन फीट से कम ऊंचे बोर्ड लगा लें, इस पर टैक्स नहीं लगेगा।