इंदौर में सोमवार को चुंबक निगलने से तीन साल के मासूम की मौत हो गई। सिलिकान सिटी में रहने वाले इकलौते बेटे कबीर ने खेल-खेल में 29 जुलाई को चुंबक निगल लिया था। घटना के 11 दिन बाद एंडोस्कोपी में कबीर की मौत हो गई। मौत के बाद परिजन ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। परिजन का आरोप है कि एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) के ओवरडोज के कारण कबीर की जान गई।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही
अरिहंत हॉस्पिटल में कबीर का इलाज चल रहा था। कबीर के परिजन का आरोप है कि घटना के तुरंत बाद उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया था। लेकिन उस दिन कबीर को सर्दी होने से डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी नहीं की। 11 दिन बाद 9 अगस्त को उन्होंने एंडोस्कोपी से चुंबक निकालने का फैसला किया। एंडोस्कोपी से पहले कबीर हंस खेल रहा था। लेकिन फिर उसका शरीर ठंडा हो गया।
बेहोशी का दवा का ओवरडोज
परिजन का आरोप है कि बेहीशी की दवा का ओवरडोज के कारण कबीर की मौत हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज के दौरान लापरवाही बरती। मामले में चंदन नगर टीआई योगेश सिंह तोमर ने बताया कि परिवार के आरोपों के चलते बच्चे का सोमवार को डॉक्टरों की स्पेशल पैनल द्वारा पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। इसके बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।