INDORE: मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था को कोसते-कोसते 1150% बढ़ गई कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी संजय शुक्ला की संपत्ति

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Atul Tiwari
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INDORE: मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था को कोसते-कोसते 1150% बढ़ गई कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी संजय शुक्ला की संपत्ति

INDORE. केंद्र में मोदी सरकार (modi government) बनने के बाद से कांग्रेस (congress) उसे पानी पी-पीकर कोस रही है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी राज में भारत की अर्थव्यवस्था (indian economy) गर्त में चली गई। हालांकि चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं ने जो शपथ-पत्र (affidavit) दाखिल किए हैं वे अर्थव्यवस्था की अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं। इसका बड़ा उदाहरण है  इंदौर में महापौर (mayor candidate)) पद के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार संजय शुक्ला (sanjay shukla)। 2008 से 2022 के बीच शुक्ला की संपत्ति सालाना 11.14 करोड़ बढ़ी है। 



अब इसे शुक्ला के शपथ-पत्र की सच्चाई मानें या फिर आंकड़ों की जादूगरी। दस्तावेजी प्रमाण तो यही है। शुक्ला ने अपना पहला चुनाव 2008 में लड़ा था। तब वे इंदौर-1 से पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के सामने चुनाव लड़े था। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस सरकार थी। तब उन्होंने जो शपथ-पत्र दिया था उसमें उन्होंने अपनी 14 करोड़ 72 लाख 74 हजार 132 की टोटल असेट्स बताई थी। जबकि लाइबिलिटी 2 करोड़ 22 लाख 46 हजार 910 रुपए की बताई थी। ये रिपोर्ट इंदौर से पब्लिश होने वाले प्रजातंत्र अखबार ने लगाई है।



2018 में बताई थी 139 करोड़ 93 लाख की संपत्ति 



शपथ पत्र में  शुक्ला दंपती के नाम 9.01 करोड़ की चल संपत्ति और 5.71 करोड़ की अचल संपत्ति बताई थी। 2014 में केंद्र की सत्ता कांग्रेस के हाथ से फिसल गई। 2018 के विधानसभा चुनाव में शुक्ला फिर इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। तब उन्होंने जो शपथ-पत्र दिया उसमें 139 करोड़ 93 लाख 61 हजार 070 की असेट्स बताई गई। जो कि 2008 के मुकाबले 950 प्रतिशत अधिक थी। यानी उनकी 10 साल में 125 करोड़ 20 लाख 86 हजार 938 रुपए की संपत्ति बढ़ी। इसमें चल संपत्ति 9.01 करोड़ से बढ़कर 49.13 करोड़ हो गई और अचल संपत्ति 5.71 करोड़ से बढ़कर 90.79 करोड़ हो गई। 



कोरोना आपदा में भी सालाना 10.66 करोड़ की कमाई 



शुक्ला की संपत्ति के बढ़ते इस ग्राफ ने अच्छे-अच्छे कारोबारियों को पीछे छोड़ दिया। यहां तक कि  2020 से आई कोविड- 19 जैसी महामारी भी शुक्ला की आर्थिक तरक्की नहीं रोक सकी। जब बाजार बंद थे। लोग बेरोजगार हो रहे थे। तब शुक्ला 10.66 करोड़/सालाना के औसत से कमाई कर रहे थे। हालांकि 2018 में चुनाव जीतने के बाद शुक्ला ने 2021 तक जनता की सेवा में कोई कोताही नहीं बरती। जमकर जेब का पैसा लगाया। निगाहें थी महापौर की कुर्सी पर। जिसके लिए वे अभी दावेदार हैं। 2021 से 2022 के बीच उन्होंने इंदौर-1 में जितने बोरिंग कराए, उतने नगर निगम ने आज तक नहीं कराए थे।



शपथ-पत्र में अरबपति, रिटर्न में करोड़पति



शुक्ला की संपत्ति जिस गति से बढ़ी है लेकिन ये गति उनके इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखती। 2018 में 139.93 करोड़ की संपत्ति अपने शपथ-पत्र में दर्शाने वाले शुक्ला ने अपने 2017-18 के आईटीआर में 1 करोड़ 81 लाख 31 हजार 170 रुपए की इनकम बताई है। जबकि पत्नी की इनकम इसी साल के रिटर्न में42 लाख 30 हजार 410 रुपए थी। 2008 में रिटर्न की जानकारी नहीं दी थी।



10 में देनदारी 21 गुना बढ़ी…



संजय शुक्ला ने 2008 में बैंकों की उधारी 1.61 करोड़ और 61.45 लाख के लोन सहित कुल देनदारी 2.22 करोड़ रुपए स्वीकार की थी। जो 2018 में बढ़कर 46.58 करोड़ बताई गई। इसमें 44.55 करोड़ बैंक लोन और 2.03 करोड़ का इनकम टैक्स ड्यूज भी शामिल था।


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