सफाई में ऐसे नंबर 1 बना इंदौर: 25 नाले सीवर मुक्त, नदियां दोबारा जिंदा; 3R मॉडल से सफलता

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सफाई में ऐसे नंबर 1 बना इंदौर: 25 नाले सीवर मुक्त, नदियां दोबारा जिंदा; 3R मॉडल से सफलता

इंदौर. मिनी मुंबई (Mini Mumbai) ने लगातार पांचवी बार सबसे साफ शहर (Cleanest city) का तमगा हासिल किया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इंदौरियों ने कान्ह और सरस्वती नदी (Saraswati river) को दोबारा जिंदा किया। शहर में बहने वाली नदियों समेत 27 नालों को सीवर मुक्त किया। यहां निगम के 11 हजार 300 कर्मचारी रोजाना 1200 टन कचरा उठाते हैं। इंदौरियों (Indore) के सहयोग और निगम की मेहनत से शहर की 700 दीवारों पर थ्री-पेंटिंग उकेरी गई। इस सब के कारण ही इंदौर इस साल तीन अवॉर्ड जीतने में सफल रहा।

सालाना 50 करोड़ खर्च

35 लाख की आबादी वाले इस शहर में कचरा मेनेजमेंट पर निगम को पहली बार गाड़ियां खरीदने और ट्रांसफर स्टेशन बनाने के कारण 160 करोड़ खर्च करना पड़े थे। लेकिन अब ये खर्च 50 करोड़ पर आ गया है। इंदौर सालाना कचरे से 20 करोड़ से ज्यादा कमा रहा है। यहां गीले कचरे से सीएनजी बनेंगी। इससे शहर की सिटी बसें चलेगी। कचरे से सीएनजी बनाने का प्लांट एशिया में सबसे बड़ा प्लांट इंदौर में लगाया जा रहा है। 

वॉटर प्लस ने बनाया नंबर वन

अधिकारियों के मुताबिक, स्वच्छ सर्वेक्षण के ‘वॉटर प्लस’ प्रोटोकॉल (Water Plus protocol) से निगम ने कान्ह-सरस्वती नदी और शहर में बहने वाले 25 छोटे-बड़े नालों में छूटे हुए 1,746 सार्वजनिक आउटफॉल (गंदा पानी बहने के रास्ते जिनसे यह अपशिष्ट जल स्रोतों में मिलता है) और 5,624 घरेलू सीवरेज आउटफॉल रोककर नदी-नालों को गंदगी से मुक्त किया है। इस कारण नदी नालों में अब सीवर नहीं बहता है। इसका नतीजा रहा कि 41 साल बाद सरस्वती के तट पर लोग कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करते नजर आए। IMC के सलाहकार वारसी ने बताया कि शहर में 550 टन क्षमता का नया बायो-CNG प्लांट जल्द ही शुरू होने जा रहा है। 

3R मॉडल से बना सबसे साफ शहर

अधिकारियों ने बताया कि इंदौर का स्वच्छता मॉडल ‘3 आर’ (रिड्यूज, रीयूज और रीसाइकिल) फॉर्मूला पर आधारित है। शहर से बड़ी कचरा पेटियां छह साल पहले ही हटा दी गई थीं और आईएमसी की गली-मोहल्लों में लगातार चलने वाली करीब 700 गाड़ियों की मदद से लगभग हर घर और दुकानों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग जमा किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि इस्तेमाल किए गए डाइपर और सैनिटरी नैपकिन जैसे जैव अपशिष्टों समेत छह तरह के कचरे को अलग-अलग जमा करने के लिए इन गाड़ियों में विशेष कम्पार्टमेंट बनाए गए हैं।

ये है खास वजह

  • शहर की साफ सपाई और सड़कों की धुलाई रात तीन बजे से होती है। 

  • देश का पहला वॉटर प्लस शहर बना इंदौर
  • नाला टेपिंग की वजह की वजह से स्वच्छ हुईं नदियां
  • सीवरेज वाटर का ट्रीटमेंट कर पानी सड़क धुलाई, गार्डन, खेती के काम में लिया गया
  • सार्वजनिक टॉयलेट की सफाई के लिए सेंसर लगाए गए हैं।
  • टॉयलेट के आसपास हरियाली और पेंटिंग करवाकर खूबसूरत बनाया गया है।
  • शहर के प्रमुख चौराहों, सड़कों, नदी किनारों, बगीचों में स्वच्छता के संदेश लिखे गए।
  • लगातार 5वें साल इंदौर सबसे साफ: MP को 35 अवॉर्ड; सूरत दूसरे, विजयवाड़ा तीसरे पर

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