जबलपुर. सहारा (Sahara) के खिलाफ निवेशकों और कांग्रेस ने 25 अक्टूबर को प्रदर्शन (Protest in jabalpur) किया। यहां प्रदर्शनकारियों ने सिविक सेंटर से घंटाघर तक रैली निकाली। इसके बाद कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को ज्ञापन भी सौंपा। सहारा पर आरोप है कि उसने जिले के निवेशकों का करीब 700 करोड़ रुपए हड़पा है। निवेशकों ने यह निवेश कंपनी की अलग-अलग सोसायटियों में किया है। इसकी समयसीमा पूरी हो गई है लेकिन कंपनी निवेशकों (Sahara Inverstors) का पैसा नहीं लौटा रही। रैली निकालने के बाद निवेशकों ने एक सभा की। इस सभा में निवेशकों ने बताया कि सालों से उनका पैसा फंसा हुआ है। जब पैसा लेने जाते हैं तो कंपनी के अधिकारी धमकाते हुए बोलते हैं कि तुम्हारी औकात क्या है?
सहारा की जमीन पर कब्जा करेंगे- प्रदर्शनकारी
इस प्रदर्शन में पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया और कांग्रेस (Congress) नेता सौरभ शर्मा के साथ बड़ी संख्या में निवेशक और पार्टी के लोग मौजूद थे। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री सौरभ शर्मा ने कहा कि प्रशासन को चेतावनी दी कि जिले के लोगों का लगभग 700 करोड़ रुपए सहारा में फंसा है। ये पैसा नहीं मिला तो तेवर स्थित सहारा की जमीन पर कब्जा करेंगे।
सरकार चुप क्यों है- तन्खा
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने ट्वीट कर लिखा कि जबलपुर के हजारों सहारा निवेशकों का हुजूम भुगतान ना होने पर सड़कों पर उतरा। सरकार अगर चाहे तो इन निवेशकों का भुगतान हो सकता है, सरकार चुप क्यों? वहीं, निवेशक ने बताया कि मेरा 1995 से पैसा फंसा हुआ है। जब भी कार्यालय जाते हैं तो वहां मैनेजर देवेंद्र शर्मा बोलते हैं कि आपकी औकात क्या है? मेरी पास इसकी रिकॉर्डिंग है।
जबलपुर के हजारों सहारा निवेशकों का हुजूम भुगतान ना होने पर सड़कों पर उतरा ! सरकार अगर चाहे तो इन निवेशकों का भुगतान हो सकता है सरकार चुप क्यों ? #जबलपुर देश को रास्ता दिखता है। #त्रिपुरीकांग्रेस @INCIndia @INCMP @OfficeOfKNath @digvijaya_28 pic.twitter.com/UgU4abQVfm
— Vivek Tankha (@VTankha) October 25, 2021
सहारा के भोपाल ऑफिस में हो चुकी तालाबंदी
20 अक्टूबर को सहारा कंपनी के भोपाल ऑफिस (Sahara Bhopal Office) में तालाबंदी की गई। इस दौरान यहां किसी भी प्रकार की आवाजाही बंद है। ऑफिस के बाहर निवेशक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। निवेशकों के प्रदर्शन से परेशान होकर कर्मचारियों ने MP नगर में ऑफिस के मेन गेट पर तालाबंदी की। इससे दो पहले कपंनी के जोनल हेड राजेंद्र सक्सेना (Rajendra Saxena) ने इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा था कि वर्तमान समय में जो हालात चल रहे हैं। ऐसे समय में काम करना मुश्किल है।