ट्रांसपोर्टर्स का रेलवे की जमीन पर कब्जा, राजनीतिक संरक्षण से क्लाइंट तक नुकसान के बावजूद कहीं और नहीं भेजते माल

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Rahul Sharma
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ट्रांसपोर्टर्स का रेलवे की जमीन पर कब्जा, राजनीतिक संरक्षण से क्लाइंट तक नुकसान के बावजूद कहीं और नहीं भेजते माल

Bhopal. इटारसी रेल गोदाम सालों से 25 हजार से ज्यादा लोगों के स्वास्थ से खिलवाड़ कर रहा है। ऐसा नहीं कि इसकी किसी को जानकारी नहीं है, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अभय सराफ स्वयं यह स्वीकार कर चुके हैं कि रेलवे को बोर्ड द्वारा पहले भी नोटिस जारी किया जा चुका है, मतलब रेलवे और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दोनो को सभी स्थितियों की जानकारी है, बावजूद इसके न तो रेल गोदाम वहां से हट रहा है और न ही वहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन का पालन हो रहा है। दरअसल इटारसी से रेलवे गोदाम हटाना आसान नहीं है। ट्रांसपोर्टर ने रेल गोदाम के पास रेलवे की जमीन पर कब्जा कर रखा है। यहां इन्हीं का बोलबाल है। राजनीतिक संरक्षण इस कदर है कि इटारसी माल भेजने वाले क्लाइंट तक नुकसान होने के बावजूद कहीं और न माल भेजकर इटारसी रेल माल गोदाम पर ही माल भेजते हैं। यही कारण है कि सब कुछ जानते हुए भी इटारसी रेल माल गोदाम में व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई है। नर्मदापुरम सांसद राव उदयप्रताप सिंह ने कहा कि आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं, वे खुद यहां से माल गोदाम शिफ्ट करने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर को पत्र लिख चुके हैं। वहीं इस संबंध में विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। व्हाट्सएप और टेक्स्ट मैसेज भी किए पर खबर लिखे जाने तक कोई रिप्लाई नहीं आया।



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इटारसी में माल की होती है चोरी, व्यापारी से जुड़े एमपी—एमएलए



वेस्ट सेंट्रल रेलवे जोन के रिटायर्ड प्रिंसिपल चीफ आपरेटिंग मैनेजर मनोज सेठ ने द सूत्र को बताया कि प्रदूषण के बेसिस पर अंबाला, लुधियाना जैसी कई जगहों पर गुड शेड बंद किए गए हैं। इटारसी गुड शेड पर इतनी ज्यादा रैक आती है कि शंटिंग के कारण कई ट्रेने लेट हो जाती है। इसलिए हमने भी एक प्रस्ताव भेजा था कि इस गुड शेड का या तो कही और शिफ्ट किया जाए, या फिर पवारखेड़ा से आपरेट किया जाए, पर ऐसा नहीं हो पाया। मनोज सेठ ने बातचीत में यह भी खुलासा किया कि यदि पवारखेड़ा रैक जाती है तो वहां सीसीटीवी कैमरे लगे होने से अनाज या किसी और चीज की चोरी नहीं हो सकती, यह इटारसी में आसानी से हो जाता है। यही कारण है कि इटारसी यार्ड को बंद नहीं करना चाहते। वहीं जो माल बुलाते हैं वे बड़े लोग हैं, जिनसे एमपी, एमएलए जुड़े रहते हैं, अब इनसे तो बनाकर रखना ही पड़ेगा। प्रेशर थोड़ा बहुत तो रहता ही है।




द सूत्र के सूत्र ने किया बड़ा खुलासा



द सूत्र के सूत्र जो लंबे समय तक लॉजिस्टिक बिजनेस से जुड़े रहे हैं..उन्होंने पूरे मामले को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पहचान छुपाने की शर्त पर उन्होंने कहा कि इटारसी रेल माल गोदाम में पूरा खेल एक रैकेट की तरह चलता है। ट्रांसपोर्टर्स इसलिए रेल गोदाम को कहीं नहीं जाने देना चाहते क्योंकि उन्होंने स्थायी तौर पर अपने ट्रक रेलवे की जमीन पर पार्क कर रखे हैं। बीच सिटी से माल गोदाम कहीं और चला गया तो इन ट्रांसपोर्टर्स के ट्रक खड़े करने तक की जगह नहीं होगी। बारिश में जो माल इटारसी रेल गोदाम पर आता है, उसके खराब होने के भी चांस रहते हैं। वह नीचे भी गिरता है। इस नुकसान के बावजूद क्लाइंट वहीं माल भेजते हैं, क्योंकि उन पर राजनीति दबाव रहता है। ट्रांसपोर्टस 200 हम्मालों की रोजी—रोटी का संकट बताकर 25 हजार लोगों के स्वास्थ को दाव पर लगवा देते हैं और 200 लोगों के लिए जनहित का हवाला देकर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर लिया जाता है। द सूत्र के सूत्र ने तो यह भी खुलासा किया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ दिखावे के लिए  मीडिया में कुछ बाते करते हैं और हकीकत में वह खुद भी इस माल गोदाम को संरक्षण दिए बैठे हैं।




पवारखेड़ा में वेयरहाउस तो वहां क्यों नहीं जाते ट्रांसपोर्टर



ट्रक एसोसिएशन अध्यक्ष अजय मिश्रा का दावा है कि एसोसिएशन को कहीं कोई दिक्कत नहीं है, रेलवे जहां चाहे यार्ड ले जाए। अजय मिश्रा ने कहा कि एसोसिएशन तो बस इतना चाहती है कि रेलवे गोदाम से वेयरहाउस नजदीक रहे ताकि लोडिंग—अनलोडिंग में दिक्कत न हो। हालांकि अजय मिश्रा कि यह बनावटी बाते हैं। यदि हकीकत में ट्रक एसोसिएशन लोडिंग—अनलोडिंग में सहूलियत चाहती तो पवारखेड़ा स्थित केशर मल्टीमाडल लॉजिस्टिक से अच्छा रैक प्वाइंट तो कोई हो ही नहीं सकता। क्योंकि यहां तो इसी कैंपस में ही गोदाम और वेयरहाउस है। मतलब मालगाड़ी से माल उतारकर कुछ मीटर दूर ही उसे वेयरहाउस में रखना है। जबकि इटारसी के माल गोदाम से वेयरहाउस की दूरी 5 से 15 किमी तक भी है।




अब समझिए...इटारसी रेल माल गोदाम से किसे क्या मिला




1. रेलवे को करोड़ो का राजस्व, लोगों को जहरीली हवा



इटारसी रेल गोदाम में कोई भी व्यवस्था नहीं होने के बाद भी यहां सालभर में 350 से ज्यादा रैक आते हैं। इनसे रेलवे को करोड़ों का राजस्व मिलता है। वहीं इस रेल गोदाम से यहां आसपास के एरिए में रह रहे लोगों को जहरीली हवा मिल रही है। द सूत्र की पड़ताल में सामने आया कि रैक आने पर यहां पीएम—10 की वेल्यू 700 क्रॉस हो जाती है जो बेहद खतरनाक है।




2. ट्रांसपोर्टर्स को मिली पार्किंग, लोगों को मल और पेशाब युक्त पानी



इटारसी रेल गोदाम के कारण यहां के ट्रांसपोर्टर्स ने पार्किंग के नाम पर रेलवे की जमीन पर एक तरह से स्थायी रूप से कब्जा कर रखा है। दर्जनों ट्रक रेलवे की जमीन पर 24 घंटे खड़े रहते हैं। वहीं लोगों को इस रेल गोदाम के कारण बेहद दूषित पानी मिल रहा है। द सूत्र की पड़ताल में सामने आया कि यहां के पानी में टोटल कॉलीफार्म की मात्रा 900 आई है। जबकि यह जीरो होना चाहिए, क्योंकि यह वह बैक्टीरिया है जो पेशाब और मल में पाया जाता है।   

 



3. नेताओं के हित सधे तो जमीन हुई दूषित, एक्सीडेंट का भी खतरा



इटारसी रेल गोदाम को लेकर राजनीतिक संरक्षण के आरोप लगते रहे हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि यदि जनप्रतिनिधि वास्तविकता में यहां से गोदाम हटाना चाहते तो यह मामला सालों तक अटका नहीं रहता। हवा, पानी के बाद जब मिट्टी चेक की तो वह भी दूषित निकली। जांच में पता चला कि यहां कि मिट्टी में मौजूद नाईट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश निर्धारित मात्रा में है ही नहीं। इसके अलावा यहां ट्रकों के आने जाने से एक्सीडेंट का खतरा भी रहता है।




सांसद ने लिखा जीएम को पत्र, पीसीबी ने भेज दिया नोटिस



इटारसी का रेल गोदाम लगातार हजारों लोगों के स्वास्थ से खिलवाड़ कर रहा है। द सूत्र लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है। जिसके बाद नर्मदापुरम सांसद राव उदयप्रताप सिंह ने पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के जीएम को पत्र लिखकर रेल गोदाम शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए कहा है। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संबंध में रेलवे को नोटिस जारी कर दिया है। पीसीबी के आरओ अभय सराफ ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में रेलवे अधिकारियों को लेटर जारी कर दिया है।




जब तक जरूरी न हो रेल गोदाम की ओर न जाने की सलाह



इटारसी में प्रदूषण की स्थिति कितनी विस्फोटक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जानकारों ने रेल गोदाम की ओर न जाने की सलाह दी है। साइंटिस्ट डॉ. सुभाष पांडे ने कहा कि रेल गोदाम की वजह से वहां के आसपास 2 से 4 किमी का क्षेत्र का हवा, पानी और जमीन प्रदूषित हो रही है। यह प्रदूषण इतना अधिक है कि सुभाष पांडे ने जब तक जरूरी न हो रेल गोदाम की ओर न जाने की सलाह तक दी है। सुभाष पांडे ने कहा कि वहां आसपास के लोग 900 गुना मलमूत्र युक्त पानी पी रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि इस पानी का उपयोग न करें, फिर भी जरूरी हो तो पानी उबालकर ही पीये। इटारसी रेल गोदाम की वजह से प्रदूषण को जो भयावह स्थिति बनी है, उसके कारण लोगों को आंख, हृदय, खून और त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा हमेशा है।  


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