DAMOH. जबलपुर पुलिस को एक आरोपी को न्यायालय में हथकड़ी लगाकर पेश करना भारी पड़ गया। जिस पर न्यायालय ने आरोपी को हथकड़ी लगाने को लेकर पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए संबंधित पुलिस अधीक्षक को इस आशय का पत्र जारी किया है कि आगामी परिस्थितियों में उनके न्यायालय में बंदी को हथकड़ी लगाकर न तो पेश किया जाए और न ही हथकड़ी लगाकर गिरफ्तारी की जाए।
भरण पोषण वसूली भत्ते का मामला
दमोह के प्रधान न्यायाधीश भगवत प्रसाद पाण्डे के कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण वसूली भत्ते को लेकर 1 लाख 5 हजार रुपए की वसूली करने दमोह न्यायालय से वारंट जारी हुआ था। जिस पर बेलखेड़ा जिला जबलपुर की पुलिस ने वारंटी को हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार कर दमोह न्यायालय में हाजिर किया। जिस पर आरोपी की ओर से न्यायालय में उपस्थित अधिवक्ता मनीष नगाइच ने कड़ी आपत्ति जताते हुए न्यायालय से मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार विषम परिस्थितियों को छोड़कर सामान्यतः किसी भी बन्दी को हथकड़ी नहीं लगाई जा सकती।
जज ने कोर्ट में आरक्षकों को फटकारा
आरोपी को हथकड़ी लगाने पर न्यायालय ने गंभीरता दिखाते हुए बन्दी को न्यायालय में पेश करने वाले आरक्षकों को न्यायालय में कड़ी फटकार लगाते हुए जबलपुर पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर आगे से किसी भी वसूली वारंट मामले में हथकड़ी न लगाते हुए गिरफ्तारी के निर्देश जारी किए हैं। वहीं बन्दी की ओर से प्रारम्भिक 20 हजार रुपए जमा करने पर उसे फिलहाल रिहा करते हुए 1 महीने के अंदर बाकी की राशि जमा करने की हिदायत दी है।