पटाखों के चलते प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा जबलपुर, ध्वनि प्रदूषण में भी टूटा पिछले साल का रिकॉर्ड

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Rajeev Upadhyay
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पटाखों के चलते प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा जबलपुर, ध्वनि प्रदूषण में भी टूटा पिछले साल का रिकॉर्ड

Jabalpur. दीपावली पर पूरे प्रदेश में सर्वाधिक वायु प्रदूषण जबलपुर में पाया गया। पटाखों के कारण यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स दीपावली की रात 238 तक जा पहुंचा। जबकि इसी दौरान भोपाल में यही आंकड़ा 237 तक गया। हैरानी की बात यह है कि पर्व के अगले दिन सुधार होने की जगह क्वालिटी और नीचे गिरकर 241 मापी गई है, जबकि भोपाल में अगले दिन यह आंकड़ा 232 मापा गया। जबलपुर के दोनों दिनों के आंकड़े प्रदेश में सबसे ज्यादा पाए गए हैं। दूसरी ओर ध्वनि प्रदूषण की बात की जाए तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उपकरणों से किए गए आंकलन के अनुसार पिछले साल के मुकाबले 11.1 डेसिबल तक ज्यादा गूंज सुनाई दी गई। रात 9 से 11 बजे ध्वनि प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। 





दीपावली के बाद भी जबलपुर समेत प्रदेश के ज्यादातर शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा हुआ है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एक्सपर्ट ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से वायु और ध्वनि प्रदूषण का आंकलन किया उसमें दूसरे दिन मंगलवार को भी हवा में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो पाया है। एक्सपर्ट के अनुसार सर्दियों के सीजन में प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है। इसकी वजह शुष्क मौसम होता है, जिसमें वायु की कम गति प्रदूषकों को एक स्थान पर स्थिर करती है। धूल, धुआं, गैस आदि अन्य प्रदूषण फैलाने वाले कारकर वातावरण में घुल नहीं पाते, इन हालातों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इस बार सर्दियों का असर अभी ज्यादा नहीं है वरना हालात और भी बिगड़े हुए होते। 





धीरे-धीरे बढ़ेगी ठंड





दीपावली के बाद अब मैदानी इलाकों में सर्दी का असर दिखने लगेगा। एक्सपर्ट की माने तो रात के तापमान में अब गिरावट आएगी। शहर में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 3 डिग्री कम रहा। अधिकतम तापमान 30.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री कम रहा। शहर में अभी उत्तरी हवाएं 4 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। अगले 24 घंटे में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। 





प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विज्ञानी डॉ एसी करेरा ने बताया कि दीवाली के दौरान कई क्षेत्रों में उपकरण लगाकर वायु और ध्वनि प्रदूषण का आंकलन किया गया। इस दौरान ध्वनि का स्तर पिछले साल के मुकाबले कुछ बढ़ा है, हालांकि वायु प्रदूषण के स्तर में ज्यादा अंतर नहीं पाया गया। पिछले साल की तुलना में वायु प्रदूषण इस बार कम हुआ है। हालांकि यह अब भी प्रदेश में सबसे ज्यादा रहा। 



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