भोपाल. जेल विभाग (prison department) में पुलिस विभाग (Police Department) की तर्ज पर उच्चतर रिक्त पद (Higher Vacancies) पर पात्रता एवं सीन्यॉरिटी (Eligibility and Seniority) के आधार पर 'कार्यवाहक' व्यवस्था की अधिसूचना मध्यप्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) के राजपत्र में प्रकाशित हो चुकी है। यह अधिसूचना (Notification) लागू भी हो गई है। कार्यवाहक अधिकारी उच्चतर कार्यवाहक प्रभार दिए जाने पर उस पद की यूनफॉर्म धारण कर सकेंगे और उस पद के अधिकार का उपयोग कर सकेंगे। लेकिन वेतन और भत्ते मूल पद के ही प्राप्त होंगे। भविष्य में पदोन्नति के लिए केवल इस आधार पर पात्र नहीं होंगे कि उन्हें कार्यवाहक प्रभार दिया गया था। जेल मुख्यालय (Jail Headquarters) द्वारा अधिसूचना प्रकाशन के आधार पर क्रियान्वयन हेतु विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं।
ये अधिसूचना जारी हुई : इसके लिए विभाग ने जेल कारागार अधिनियम 1984 का प्रयोग किया है। इस अधिनियम की शक्तियां का प्रयोग कर राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश जेल नियम 1988 में संशोधन करके ये नियम लागू किए हैं। यदि रिक्तियों को भरने की तत्काल आवश्यकता है और उपयुक्त शासकीय सेवक उपलब्ध हैं, ऐसी स्थिति में राज्य सरकार सहायक अधीक्षक, जेल को प्रभारी, उप अधीक्षक, जेल, उप अधीक्षक, जेल को प्रभारी, अधीक्षक, जिला जेल इत्यादि तथा महानिदेशक, जेल एवं सुधारात्मक सेवाऐं, प्रहरी को प्रभारी मुख्य प्रहरी, मुख्य प्रहरी को प्रभारी प्रमुख मुख्य प्रहरी, प्रमुख मुख्य प्रहरी को प्रभारी, सहायक अधीक्षक, जेल इत्यादि के रूप में आगामी आदेश तक कार्य करने हेतु आदेशित कर सकेगा।
ये लाभ होंगे : उच्चतर पद पर प्रभारी रूप से कार्य करने के लिए आदेशित शासकीय सेवक का वरिष्ठता पर या ऐसे उच्चतर पद श्रेणी के वेतन पर कोई दावा नहीं होगा। परन्तु वह तब तक ऐसे उच्चतर पद श्रेणी की वर्दी धारण कर सकेगा, जब तक कि ऐसा अधिकारी ऐसे उच्चतर पद पर प्रभारी रूप से कार्य करता है। ऐसे प्रभारी के रूप में कार्य करने वाला अधिकारी, ऐसे उच्चतर पद पर पदोन्नत किसी अधिकारी द्वारा यथा प्रयोज्य ऐसे उच्चतर पद की समस्त शक्तियों का प्रयोग करेगा, जिस पर वह वर्तमान में प्रभारी के रूप में कार्य कर रहा है किन्तु किसी तरह के वित्तीय लाभ प्राप्त नहीं करेगा और न ही दोहरे कार्य भत्ते का पात्र होगा।