संजय गुप्ता. INDORE. जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने सत्ता के लिए विधानसभा चुनाव 2023 में पूरी तरह से उतरने का फैसला कर लिया है। इंदौर में रविवार को हुई संगठन की बैठक में प्रदेशाध्यक्ष अंतिम मुझाल्यदा ने द सूत्र से चर्चा में साफ किया कि वह आदिवासी क्षेत्र की 47 सीटों पर तो चुनाव लड़ेंगे ही साथ ही अनुसूचित जाति और ओबीसी सीटों पर भी वह फोकस कर रहे हैं। इसके लिए वह इन समाज के विविध संगठनों के साथ चर्चा कर उन्हें एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं और इसके लिए वह भोपाल में भी बैठक करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हित में लड़ने वाले ही 600 से ज्यादा संगठन है, मैं इन सभी को एकजुट करने में लगा हूं, क्योंकि बिना एकजुट हुए हम सत्ता में नहीं आ सकते हैं।
अलावा को हमारा साथ चाहिए तो कांग्रेस छोड़कर आना होगा
वहीं धार जिले के विधायक डॉ. हीरालाला अलावा को लेकर भी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें जयस के साथ जुड़ना है तो राजनीतिक दल को छोड़ना होगा। हमारी नीति है कि हम उन्हीं को साथ में रखते हैं जो जयस को छोड़कर अन्य किसी राजनीतिक दल के साथ नहीं जुड़ते हैं। हम उन्हीं का अगले चुनाव में साथ देंगे, जो पूरी तरह से जयस से जुडेंगे और अन्य किसी दल के साथ नहीं जाएंगे। इस बारे में भी हम जल्द ही एक संयुक्त बैठक करके इस बारे में अपने नियम-कायदे, नीति साफ कर देंगे।
कांग्रेस और हमारा डीएनए एक जैसा नहीं है
कांग्रेस और बीजेपी से गठबंधन औऱ ऑफर को लेकर उन्होंने कहा कि कमलनाथ कहते हैं कि हमारा और उनका डीएनए एक है, कैसे एक हैं? उन्होंने सालों तक सत्ता में रहने के बाद भी आदिवासियों के लिए क्या कर दिया, इसी तरह बीजेपी भी साल 2003 से ही सत्ता में हैं, तो शिवराज मामा ने हमारे लिए इतने सालों में क्या कर दिया है। हम बिल्कुल दोनों दलों जैसे नहीं है और ना ही उनके साथ किसी तरह का गठजोड़ चुनाव से पहले और ना ही चुनाव के बाद करने जा रहे हैं।
तीसरा विकल्प देने का इरादा और सत्ता में आने का वादा
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि हमारा इरादा बिल्कुल साफ है, अगले चुनाव में प्रदेश की राजनीति को बदल देना, लोगों को तीसरा विकल्प देना और सत्ता में आना। इससे हम आदिवासी समाज के लिए बदलाव ला सकें और वह सब उन्हें मिले जिसके वह हकदार है। शिक्षा, स्वास्थ्य और नौकरी के साथ ही अपनी जमीन पर खेती के हक यह सब मिलना चाहिए।
बेरोजगार और टुकड़ों में बंटने से चिंतित नजर आई जयस
बैठक में सभी प्रवक्ताओं ने बेरोजगारी और एकजुटता नहीं होने को लेकर चिंता जाहिर की। इन दो मुद्दों पर भी खासकर सभी का जोर रहा। प्रवक्ताओं का कहना था कि सरकार हमारे बैकलॉग पदों पर भर्ती नहीं कर रही है, स्कीम के नाम पर हमारी जमीन ले रही है और इस सभी की वजह यही है कि हम एकजुट नहीं है। सभी को एकजुट होकर चुनाव में उतरना होगा, तभी हम इस सरकार को उखाड़ सकते हैं और तभी बदलाव भी आएगा।