भोपाल. विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत 7 फरवरी से हो गई। बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण का बहिष्कार कर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी अलग-थलग पड़ गए हैं।। प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अब एक बार फिर कांग्रेस की यह गुटबाजी उभरकर सामने आ गई है। दरअसल कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार के विरोध में राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया लेकिन अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का उन्हें साथ नहीं मिला। कमलनाथ ने सदन में कहा कि ये कांग्रेस का फैसला नहीं है और इस तरह कमलनाथ ने जीतू पटवारी के बयान से किनारा कर लिया। वहीं कुछ नेता जीतू पटवारी का समर्थन भी कर रहे हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि मैंने सदन की मर्यादा का ध्यान रखा है, जो कहा वह सदन में तो नहीं कहा। अगर जरूरत पड़ी तो वे 100 बार विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे।
कांग्रेस में सामंजस्य का अभाव: बता दें कि आज से मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। सत्र शुरू होने से पहले ही राज्य की सियासत गरमा गई है। दरअसल कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार का विरोध करते हुए बजट सत्र की शुरुआत में होने वाले राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद सत्ताधारी बीजेपी ने जीतू पटवारी को निशाने पर ले लिया है। बीजेपी विधायक यशपाल सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस में सामंजस्य का अभाव है। जब नेता प्रतिपक्ष के साथ बैठक में कुछ नहीं निकला तो सुबह उठकर ट्वीट कर दिया। आप ना तो नेता प्रतिपक्ष हैं तो आपने बहिष्कार क्यों किया?
बीजेपी ने कहा कि जीतू सठिया गए: शिवराज सरकार के मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि जीतू पटवारी के कारण ही कांग्रेस खत्म हो रही है। वो कमलनाथ की बात नहीं मान रहे। उन्होंने कहा कि जीतू पटवारी मानसिक संतुलन खो चुके हैं। राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का आईना होता है। सत्ता से जाने के बाद सठिया गए हैं।
कमलनाथ ने ये कहा: वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी जीतू पटवारी के ऐलान से किनारा कर लिया। कमलनाथ ने बजट सत्र की शुरुआत में कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का फैसला नहीं है। वह ऐसे ट्वीट से सहमत नहीं हैं। कमलनाथ ने ये भी कहा कि हमें परंपरा बनाई रखनी चाहिए। दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने जीतू पटवारी का बचाव किया और कहा कि यह राज्यपाल का विरोध नहीं बल्कि सरकार का विरोध है। राज्यपाल वही पढ़ते हैं, जो सरकार लिखकर देती है। सरकार जो कहती है वो कर नहीं रही है, इसलिए विरोध किया जा रहा है।
शिवराज ने ये कहा: बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने आरोप लगाया कि बजट की जानकारी लीक हो रही है। समाचार पत्रों में पहले से ही बजट छप रहा है। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वास दिलाया कि बजट गोपनीय है और गोपनीय ही रहेगा। मैं आश्वस्त करता हूं। विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।