BHOPAL. मध्यप्रदेश में अभी विधानसभा चुनाव को एक साल से ज्यादा का समय बाकी है, लेकिन कांग्रेस इस बार भी 2018 को दोहराने की तैयारी में जुट गई है। यही वजह है कि रविवार को कमलनाथ ने अपने बंगले पर पूर्व मंत्रियों की एक बैठक बुलाई। बैठक में महंगाई, बिजली संकट और बेरोजगारी पर प्रदेश व्यापी आंदोलन का फैसला लिया गया है।
कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा से लेकर सड़क तक इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। साथ ही बीजेपी की तरफ से जो भ्रम का माहौल बनाया जा रहा है, उसका पुरजोर विरोध सोशल मीडिया से लेकर हर स्तर पर किया जाएगा।
बैठक शुरू होते ही बत्ती गुल
बैठक शुरू होते ही कमलनाथ के बंगले की बिजली चली गई। इसके बाद पूर्व मंत्रियों ने मोबाइल की लाइट जलाई तो, कमलनाथ ने कहा, 'बीजेपी की तरफ से फैलाया गया झूठ का इससे बड़ा कोई प्रमाण नहीं है, यही तो मुद्दे हैं जो आम आदमी को प्रभावित करत हैं, हमें इस मुद्दे को बूथ मंडलम सेक्टर स्तर पर ले जाना है, और इन इकाइयों को बहुत मजबूत करना है'।
PEB घोटाले को उठालेगी युवा कांग्रेस
पूर्व मंत्री तरुण भनोट और प्रियवत सिंह ने बताया कि 3 घंटे चली बैठक में वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सरकार बनने पर कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू होगी। साथ ही किसानों की ऋण माफी चालू रहेगी। प्रदेश में बिजली का संकट गहरा रहा है। गांव और तहसील स्तर पर बिजली के बड़े पैमाने पर कटौती हो रही है, इसको लेकर गांव-गांव में कांग्रेस के नेता हल्ला बोलेंगे। व्यापम की परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर 12 मई को भोपाल में युवा कांग्रेस प्रदर्शन करेगी।
इन नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी
बैठक में तमाम मुद्दों सहित विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। यह भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप पत्र बनाएंगे और चुनाव अभियान की रूपरेखा तय करेंगे। ऐसे नेता जो चुनाव नहीं लड़ना चाहते उन्हें हारे या हारने वाली सीटों की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला लिया गया है। कांग्रेस के नेताओं ने कमलनाथ को बताया कि 190 विधानसभा क्षेत्रों में मंडलम और सेक्टर इकाइयां गठित हो चुकी हैं।