Rewa:214Cr की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट योजना बंद,24% काम,120KM सड़क खोद गए

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Rakesh Mishra
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Rewa:214Cr की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट योजना बंद,24% काम,120KM सड़क खोद गए

Rewa. महानगरों की रेस में खड़े रीवा नगर निगम(Rewa municipal Corporation) की सबसे महत्वाकांक्षी योजना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (sewerage treatment plant) शहर के विकास पर कालिख पोतने वाली साबित हुई। अमृत योजना (Amrit Yojana) के तहत 214 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की ठेका कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया है। इससे पहले महज 24 फीसदी काम को पांच साल की अवधि में करने वाली केके स्पन ने करोड़ों रूपये की प्रमुख और मोहल्लों की सड़कों के चीथड़े उड़ा डाले। टेंडर टर्मिनेशन पर एक्शन निगम प्रशासन ने मुख्यमंत्री के तल्ख तेवर और सख्त निर्देश के बाद दिया। खास बात है कि जिन सड़कों को बर्बाद किया गया, उनका करार के अनुसार बाकायदा रेस्टोरेशन तक नहीं किया गया। फिलहाल निगम प्रशासन नई कम्पनी को उक्त प्रोजेक्ट पूरा करने के लिये टेंडर प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की है. 



सवालों के घेरे में प्रोजेक्ट 



अमृत योजना के तहत 214.10 करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का ठेका मेसर्स केके स्पन प्राइवेट लिमिटेड इंदौर(KK Spun Private Limited Indore) को जारी किया गया। इस कम्पनी को 36 महीने में शहर के अन्दर 728 किमी पाइप बिछाने साथ में कुल 8 एसटीपी बनाना था, लेकिन 36 महीने के बजाय कम्पनी निर्माण कार्य की अवधि को 5 साल तक खींच ले गई। हैरानी की बात यह है कि इस अवधि में भी 25 फीसदी से कम कार्य मुकाम के करीब तक पहुंचा। सीवर लाइन बिछाने के लिए खुदाई के बाद बेस बनाने के बाद पाइप बिछाना था, लेकिन सीधे पाइप डाल दी गई। इसके साथ ही चेंबर बनाने को लेकर भी कंफ्यूजन की स्थिति रही, कहीं पर फ्लाईएश की गुणवत्ताहीन ईंटों का प्रयोग किया गया तो बाद में कांक्रीट के टूटे-फूटे चेंबर भी डाल दिए गए। सबसे अधिक सवाल सड़कों की मरम्मत को लेकर भी उठे। मरम्मत के बाद भी सड़कें धंसती रहीं। सरकर ने पीडीएमसी के इंजीनियर भी निगरानी के लिए लगाए लेकिन वह भी इसमें सुधार नहीं कर पाए। शहर के लोगों के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा यह प्रोजेक्ट लगातार सवालों के घेरे में रहा है। 



कई जगह अधूरे गड्ढे छोड़े



मुख्य सड़क मार्ग से लेकर कालोनियों तक की सड़कों को खोदकर उनकी गुणवत्ता खराब कर दी गई है। कई जगह अधूरे गड्ढे छोड़े गए हैं तो जहां मरम्मत कराई गई है। वहां पर गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नगर निगम ने तीन वर्ष का समय निर्धारित किया था। यह अवधि पहले ही पूरी हो चुकी थी।  पांच वर्ष के बाद भी प्रोजेक्ट किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा है। अब तक प्रोजेक्ट का कार्य करीब 23 फीसदी ही पूरा हो पाया है। कई बार आरोप भी लगे कि ठेका कंपनी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने की वजह से उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और वह अपनी मर्जी के मुताबिक सड़कें खोदकर उनकी मरम्मत का कार्य नहीं करा रही है। करीब पांच वर्ष का समय पूरा होने के बाद भी सीवरेज की लाइन बिछाने का कार्य पूरा नहीं हो सका. इसके पहले भी ठेका कंपनी की लापरवाही के चलते ब्लैक लिस्टेड करने की चेतावनी भी दी गई लेकिन उस दौरान कार्रवाई नहीं हुई। 



डेढ़ साल पहले सीएम ने की थी समीक्षा 



जनवरी 2021 के महीने में रीवा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान नाराजगी जाहिर की थी और सीएम मानिट में शामिल करते हुए कहा था कि प्रगति रिपोर्ट वह लेकर जा रहे हैं.। कागज आगे भी हाथ में रहेगा और प्रगति की पूरी रिपोर्ट लेंगे। इसके बाद होने वाली लगातार समीक्षाओं में नगर निगम के अधिकारियों से कहा जाता रहा कि कार्य में तेजी लाएं। संभागायुक्त, कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त ने लगातार कंपनी को अवसर भी दिया और कार्य में गति लाए जाने के निर्देश देते रहे। इसके बावजूद ठेका कंपनी केके स्पन अपनी मनमानी पर उतारू रही। 



31 दिसंबर तक का मिला था एक्सटेंशन



शहर में सीवरेज प्रोजेक्ट का कार्य पूरा करने के लिए शुरू में 36 महीने का समय निर्धारित किया गया था। इसमें वर्षाकाल भी शामिल था। शुरुआत से ही लापरवाही पूर्वक कार्य करने के कारण समय पर कार्य नहीं हो सका। 18 नवंबर 2016 से प्रोजेक्ट के कार्य की शुरुआत हुई थी, जिसमें 17 नवंबर 2019 के पहले पूरा करना था। कंपनी की मांग पर निगम अधिकारियों ने एक्सटेंशन दिलवाया और 31 मार्च 2020 तक का समय मिला। इस अवधि में भी गति नहीं बढ़ पाई और 31 मार्च 2021 तक का फिर समय मिला। इस अवधि तक 13 प्रतिशत कार्य पूरा नहीं हो पाया था, जिसकी वजह से फि र एक्टसेशन आगामी 31 दिसंबर 2021 तक के लिए मिला था लेकिन कंपनी की लेटलतीफ की वजह से सीएम को कार्रवाई करनी पड़ी है।



 केके स्पन लिमि ने नगर निगम की मुख्य सड़क छोड़कर वार्डों की कुल 120 किमी लम्बाई की पीसीसी और आरसीसी सड़क बर्बाद की। नगर निगम के इंजी. पीएन शुक्ला ने बताया कि वर्तमान एसओआर के मुताबिक एक किमी पीसीसी सड़क की करीब 40 लाख लागत आती है ।



फैक्ट 



खराब हुई सड़क -120 किमी 

नुकसान -48 करोड़।

पेनाल्टी-19 करोड़। 

(mobilisation )की राशि ।



ये बोले नगर निगम कमिश्नर



रीवा नगर निगम के कमिश्नर मृणाल मीना का कहना है कि सीवरेज प्रोजेक्ट के लिए लगातार समय देने के बाद भी कार्य ठीक नहीं रहा। लिहाजा सीएम की समीक्षा के बाद केके स्पन का टेंडर टर्मिनेट कर दिया गया। उसके भुगतान रोक दिये गये हैं, प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये नए सिरे से 28 मई 22 को टेंडर बुलाए गए हैं। 

 


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