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संजय गुप्ता, INDORE. राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय हर जगह जमकर बल्लेबाजी करते हैं, लेकिन एक ऐसा मैदान है, जहां से वे रिटायर होना चाहते हैं। वो मैदान है इंदौर डिविजनल क्रिकेट एसोसिएशन (IDCA) के प्रेसीडेंट पद का।
साल 2008 में बने थे अध्यक्ष
साल 2008 में जब मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) और तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती देने के लिए विजयवर्गीय क्रिकेट की राजनीति में आए थे, तब उन्होंने ये पद संभाला था। एमपीसीए में सिंधिया से दो बार चुनाव हारने के बाद विजयवर्गीय ने क्रिकेट की राजनीति से तौबा कर ली। इसके बाद वे एमपीसीए चुनाव की ओर नहीं गए और आईडीसीए की हर दो साल में होने वाली चुनावी एजीएम में वे सालों से ये पद छोड़ने की घोषणा करते हैं। लेकिन संस्था के सदस्य हर बार उन्हें घेरकर फैसला बदलवा देते हैं।
विजयवर्गीय को अध्यक्ष बनाए रखने की कवायद
शनिवार शाम साढ़े 7 बजे फिर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आईडीसीए की एजीएम होने जा रही है, जिसमें एक बार फिर नई मैनेजिंग कमेटी का गठन होना है। इसके पहले ही सभी पदाधिकारियों की लगातार 7 दिन से चल रही बैठकों में इस बात पर सहमति बन गई है कि यदि विजयवर्गीय पद छोड़ने के लिए कहेंगे तो फिर उन्हें मनाना है और प्रेसीडेंट बनाए रखना है।
विजयवर्गीय को इसलिए अध्यक्ष बनाए रखना चाहती है IDCA
दरअसल विजयवर्गीय के आने के पहले संस्था लाखों के घाटे में थी और कोई भी फंड देने को तैयार नहीं होता था, उनके आने के बाद लगातार फंडिंग हो रही है और अब संस्था 24 लाख रुपए से ज्यादा के फायदे में हैं। शनिवार को भी एजीएम से पहले अवॉर्ड सेरेमनी हो रही है, इसमें भी खिलाड़ियों को 7 लाख के अवॉर्ड दिए जाएंगे। उनके आने के बाद जिमखाना का मैदान भी सुधर गया है। ऐसे में संस्था सदस्य उन्हें फिर से पद पर बनाए रखने के लिए पूरा जोर लगाएंगे। सचिव पद के लिए फिर देवाशीष निलोसे का आना तय है।